सरकार के पास करोड़ों रुपये, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण में केजरीवाल की रुचि नहीं

नई दिल्ली:  भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि यमुना का प्रदूषण कम होने की जगह बढ़ा है जिसके कारण लोगों में पेट  और चर्म रोग बढ़ रहे हैं। यमुना में आज प्रतिदिन 4,400 मिलीयन लीटर गंदा पानी गिर रहा है जिसकी रोकथाम के लिए केजरीवाल सरकार ने कुछ नहीं किया।

 आदेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए कहा कि दिल्ली में जल प्रदूषण के साथ-साथ वायु प्रदूषण की मार भी झेलनी पड़ रही है जिसके कारण यहां फेफड़ों और सांस की बिमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। यह सब केजरीवाल सरकार की लापरवाही का नतीजा है जो झूठे प्रचार के दम पर लोगों की आंखों में धूल झोंक रही है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी भी चुप नहीं बैठने वाली। एक मार्च को 183 मेट्रो स्टेशन पर हुए संपर्क अभियान में भाजपा कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के लगभग 25 लाख लोगों से मुलाकात की और केजरीवाल के भ्रष्टाचार को उजागर किया। प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, प्रदेश महामंत्री कुलजीत सिंह चहल, प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव बब्बर, भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष वासू रुखड़ और प्रदेश पूर्वांचल मोर्चा के अध्यक्ष कौशल मिश्रा उपस्थित थे।
आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल हर बार चुनाव के समय दिल्लीवासियों से साफ यमुना में डुबकी लगाने की बात करते हैं, लेकिन साल दर साल बीतने के बाद भी वह दिन आज तक नहीं आया कि लोग यमुना में डुबकी लगा सके। घर से ही प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले केजरीवाल को पराली खाद्य पर भ्रष्टाचार का जवाब देना पड़ेगा। केजरीवाल सरकार द्वारा 40,000 रुपये की दवाईयां खरीदी गई और उसे किसानों को बांटने के लिए 24 लाख रुपया खर्च किए, लेकिन इसके प्रचार में केजरीवाल सरकार ने पूरे नौ करोड़ रुपये खर्च कर दिए जबकि इसका फायदा सिर्फ 300 किसानों तक ही पहुंचा। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार पहले तो पराली का बहाना बनाकर बचती रही। दिल्ली की जनता को बताया गया कि प्रदूषण का मुख्य कारण पराली है, लेकिन अब तो पराली भी नहीं जल रही है, फिर पिछले साल प्रतिदिन 148 मौतों के जिम्मेदार कौन है? ग्रीनपीस की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल 54000 मौतें हुई हैं। उन्होंने कहा कि 883 करोड़ रुपये सेस(उपकर) के नाम पर केजरीवाल सरकार एकत्र कर चुकी है लेकिन उसमें से प्रदूषण नियंत्रण के लिए सिर्फ 1.6 प्रतिशत राशि ही अभी तक खर्च की गई है।
आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल जिस तरह से दिल्ली के पैसों को अपने प्रचार-प्रसार और राजनीतिक विस्तार में खर्च कर रहे हैं, वो पूरी दिल्ली जान चुकी है। केजरीवाल सरकार को जवाब देना पड़ेगा कि आखिर गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश या फिर पंजाब में दिल्ली की जनता का पैसा पानी की तरह बहा रहे हैं, आखिर उन्हें यह अधिकार किसने दे दिया। गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार अभी तक भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चुप्पी साधी हुई, लेकिन भारतीय जनता पार्टी तब तक आवाज उठाती रहेगी जब तक केजरीवाल घोटाले के पैसों का जवाब नहीं दे देते।

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