भष्ट्राचार मामले में कई माह से चल रही राजकीय इंटर कॉलेज की जांच 

नोएडा: निर्धारित शुल्क से अधिक वसूलने के मामले में नोएडा के सैक्टर-12 स्थित राजकीय इंटर कॉलेज की मुसीबत कम होने का नाम ही नही ले रही है।इस मामले में काफी समय से लंबित पड़ी जांच को गति देने के लिए शिकायत कर्ता ने मुख्यमंत्री कार्यालय में इसकी शिकायत की है। जिसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी को इस मामले में उचित कारवाई करने के आदेश हुये है।

आपको बता दे कि जनहित में कार्य करने वाली प्रवासी भलाई संगठन ने 25/7/2020 को एक शिकायत दी थी कि नोएडा के सैक्टर-12 स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में छात्रों से निर्धारित फीस शुल्क से अधिक वसूलने का आरोप लगाया था।जिसके बाद शिक्षा विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुये इस मामले की जांच के लिए एक कमेठी बनाई।कमेठी को मामले की जांच करके विभाग को एक रिर्पोट सौपनी थी।लेकिन आज करीब एक साल बीत जाने के बाद भी इस जांच में कोइ प्रगति नही हुयी है।ये तब है जब शिकायतकर्ता ने सारे साक्ष्य ऑडियो,विडियों,जरुरी कागज आदि जांच कमेठी को सौप दिये है।लेकिन फिर भी जांच अधिकारी द्वारा आरोपियों को अभय दान देने से ये साफ हो गया है कि किसी व्यक्ति विशेष को बचाने के प्रयास किये जा रहे है।
सूत्रों की माने तो बच्चों से कमाया गया अवैध धन का एक हिस्सा विभाग को भी गया है इसलिए कारवाई को प्रभावित करने के लिए बार बार शिकायत कर्ता को गलत जानकारी दी जा रही है।जिसका मकसद शिकायत कर्ता को परेशान करके चुप बैठाना है।जब इस मामले में शिकायत कर्ता योगेश राणा से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मेरे द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत फीस की जानकारी मांगी गयी थी।पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक ने जवाब में 3000 रुपये की फीस शासन के आदेश पर लेने की बात कही लेकिन उस शासन आदेश की कॉपी आज तक नही।जवाब में 1500 रुपये की रसीद दिखाकर गुमराह किया जा रहा है।जब इन रसीद की जानकारी मांगी तो विद्यालय ने सिर्फ चार बच्चों की स्सीद होने की बात कही।इसका मतलब ये हुआ कि विद्यालय किसी को रसीद ना देकर शासन आदेशों की अवहेलना कर रहा है।अब देखना ये है कि मुख्यमंत्री कार्यालय के आदेश का विभाग पालन करता है या उनको भी गुमराह करता है।

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