गुरु-शिष्य परंपरा भारत में सदियों से चली आ रही है: आदेश गुप्ता

नई दिल्ली:  भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने आज शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित सम्मान समारोह में कहा कि गुरु-शिष्य परंपरा भारत की सबसे प्राचीन परंपरा रही है क्योंकि बिना गुरु के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। हम पांच सितम्बर की तारीख को जरुर शिक्षक दिवस के रुप में मनाते हैं लेकिन यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और गुरु को तो भगवान से ऊपर का दर्जा दिया गया है।

इस मौके पर दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी, प्रदेश उपाध्यक्ष जयवीर राणा सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन श्री भूपेन्द्र गुप्ता ने किया।
श्री गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति में एख बड़ा परिवर्तन लाने का काम किया गया है वह अपने आप में सराहनीय है। पहले गुरुकुल परंपरा थी जिसे दोबारा से नरेन्द्र मोदी द्वारा बच्चों की स्कील को बढ़ावा देने का काम किया है। भारत नई शिक्षा नीति के तहत एक बेहतर राष्ट्र बनने की तरफ तेजी से अग्रसर हो रहा है।
आदेश गुप्ता ने गुरु उत्सव पर सभी गुरुओं को नमन करते हुए कहा कि हमें अपने गुरु द्वारा जो ज्ञान प्राप्त हुआ है, उसके लिए हम सदैव ऋणी रहेंगे क्योंकि गुरु ही एक ऐसा माध्यम है जो बिना किसी स्वार्थ के हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहता है। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषी-मुनियों द्वारा चली आ रही परंपरा को हम रामायण, उपनिषेद, महाभारत, गीता इत्यादी महाकाव्यों एवं वेदों में पढ़ते आए हैं और उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला है।

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