यदि झूठे निकले आरोप तो माफी मांगे आरोप लगाने वाले: रामवीर सिंह बिधूड़ी

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दिल्ली नगर निगमों में 2500 करोड़ रुपये के किसी घपले के आरोपों को आधारहीन और तथ्यहीन करार देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व आम आदमी पार्टी के विधायकों को चुनौती  भरे लहजे में कहा कि यदि नगर निगमों में घपले की बात साबित हो जाए, तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि यदि यह आरोप गलत साबित होता है, तो उन लोगों की माफी मांगनी चाहिए जो यह अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।

बिधूड़ी ने दिल्ली विधानसभा में दिल्ली नगर निगमों को लेकर हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल से आग्रह किया कि वे दिल्ली के हित में तमाम राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर उनके घर के बाहर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे महापौरों को बुलाकर बात करें और  बगैर किसी देरी के नगर निगमों के बकाए 13000 करोड़ रुपये तुरंत प्रभाव से जारी कराएं ताकि कोरोना योद्धा स्वास्थ्य कर्मचारियों, शिक्षकों, सफाई कर्मचारियों व अन्य कर्मचारियों को उनका वेतन दिया जा सके। उन्होंने कहा कि दिल्ली में इससे पहले आज तक किसी सरकार ने दिल्ली नगर निगम व नगर निगमों का पैसा नहीं रोका।
नेता प्रतिपक्ष बिधूड़ी ने कहा कि जब कोई लेनदेन हुआ ही नहीं, तो फिर घपला कहाँ हो गया। उन्होंने मुख्यमंत्री केजरीवाल से पूछा कि क्या उनकी सरकार अपनी ही दिल्ली सरकार के फैसले के खिलाफ आरोप लगा रही है।
उन्होंने याद दिलाया कि 16 मार्च, 2012 को दिल्ली मंत्रिमंडल ने यह फैसला किया कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम का मुख्यालय पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र स्थित उद्योग सदन में स्थित होगा। और उत्तरी दिल्ली नगर निगम का मुख्यालय मिन्टो रोड स्थित सिविक सेन्टर होगा। इस फैसले में यह भी कहा गया कि जब तक दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का मुख्यालय नहीं बन जाता, तब तक उसका मुख्यालय भी सिविक सेंटर में ही होगा। उन्होंने कहा कि अविभाजित दिल्ली नगर के तत्कालीन आयुक्त कार्यालय ने 4 अप्रैल, 2012 को एक आदेश जारी कर स्पष्ट किया कि दक्षिण दिल्ली नगर निगम को सिविक सेंटर के खर्च का 50 प्रतिशत हिस्सा देना होगा। लेकिन इसमें उन्होंने कहीं भी  किराया देने की बात नहीं कही।
बिधूड़ी ने कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त ने 6 अक्टूबर, 2020 को 6 अधिकारियों की एक समीति का गठन कर रिपोर्ट मांगी। इस समिति ने 14 दिसम्बर, 2020 को सौंपी रिपोर्ट में कहा कि किसी भी घपले का आरोप बिल्कुल असत्य हैं। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त ने 8 दिसम्बर, 2020 को पेश वित्त वर्ष 2020-2021 के संशोधित बजट अनुमान तथा वित्त वर्ष 2021-2022 के बजट अनुमानों में कहीं पर भी दक्षिण दिल्ली नगर निगम से किराए कि तौर पर किसी आय का जिक्र नहीं किया। उन्होंने कहा दक्षिण दिल्ली नगर निगमों ने अलग अलग समय मे पत्र भेजकर दिल्ली सरकार से म्युनिसिपल बांड्स जारी करने की अनुमति मांगी लेकिन दिल्ली सरकार ने इस मांग को खारिज कर दिया।
बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली सरकार दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को मुख्यालय बनाने के लिए पैसा देगी नहीं और बांड जारी करने की अनुमति देगी नहीं उसके बाद झूठे घपले के आरोप लगाए जाएंगे। उन्होंने तमाम आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।

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