भष्ट्राचार मामले में आईपीएस अजयपाल शर्मा की बढ़ी मुसीबत

नोएडा: भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़ी गयी अपनी जंग में उत्तर प्रदेश के तेज तर्रार और ईमानदार आईपीएस अधिकारी वैभव कृष्ण को एक नई सफलता मिली है।उनके द्वारा भ्रष्टाचार के एक मामले में दी गयी शिकायत में आईपीएस अधिकारी डा.अजय पाल शर्मा समेत तीन अन्य व्यक्तियों ने लखनऊ स्थित फरेंसिक लैब वॉयस सैंपल दे दिये है। 20 दिन के अंदर आरोपितों के वॉयस सैंपल की रिपोर्ट विजिलेंस को मिल जाएगी। इसके बाद विजिलेंस की जांच आगे बढ़ेगी।

बताते चले कि लखनऊ स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) में आइपीएस अधिकारी अजय पाल के अलावा आरोपित कथित मीडियाकर्मी चंदन राय,स्वप्निल राय व अतुल कुमार शुक्ला के भी आवाज के नमूने लिए गए। एफएसएल करीब 20 दिनों में अपनी रिपोर्ट सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) को सौंपेगी, जिसके अनुरूप आगे की कार्रवाई की जाएगी।रिपोर्ट मिलने के बाद विजिलेंस आरोपित से फिर पूछताछ भी कर सकती है।मेरठ में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने बीते दिनों विजिलेंस को आरोपितों की आवाज के नमूने लेने की स्वीकृति दी थी। सूत्रों की माने तो रिपोर्ट आने के बाद विजिलेंस के अधिकारी आईपीएस अजय पाल शर्मा समेत सभी आरोपितों से पूछताछ कर सकते हैं।आपको बता दे कि आईपीएस वैभव कृष्ण ने एसएसपी गौतमबुद्धनगर रहते हुए पोस्टिंग कराने वाले कथित पत्रकारों की गिरफ्तारी के बाद शासन को एक जांच रिपोर्ट भेजी थी।इसमें हिमांशु कुमार और अजयपाल शर्मा समेत पांच आईपीएस अफसरों पर गंभीर आरोप थे।इन दोनों अफसरों पर जिलों में ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए लाखों रुपये के लेनदेन के गंभीर आरोप लगे थे।

इस रिपोर्ट की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन हुआ था।एसआईटी ने दोनों अफसरों को दोषी पाते हुए कार्रवाई की सिफारिश की थी।एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर दोनों के खिलाफ विजिलेंस की खुली जांच के आदेश हुए।विजिलेंस ने भी जांच के बाद दोनों को दोषी पाते हुए एफआईआर की संस्तुति की थी।

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