पूर्वांचलियों को अपमानित करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते केजरीवाल

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी ने आज अरविंद केजरीवाल सरकार की छठ मनाने पर रोक लगाने वाले फैसले को मुर्खतापूर्ण बताया। उन्होंने एक संयुक्त प्रेसवार्ता में कहा कि दिल्ली सरकार हिंदू विरोधी सरकार है और आज जब पूरी दिल्ली खुली हुई है, दुकाने, बाजार, सिनेमाहॉल यहां तक कि स्विंमिंग पुल भी खुल चुके हैं तो छठ मनाने पर रोक लगाने का क्या मतलब है। अगर केजरीवाल सरकार अपने इस फैसले को वापस नहीं लेती तो भाजपा मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास के बाहर पूर्वांचलवासियों के साथ मिलकर प्रचंड विरोध प्रदर्शन करेगी।

प्रदेश कार्यालय में हुए प्रेसवार्ता में प्रदेश महामंत्री दिनेश प्रताप सिंह, प्रदेश भाजपा मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल,  विधायक अभय वर्मा, प्रदेश पूर्वांचल मोर्चा अध्यक्ष कौशल मिश्रा, पूर्व विधायक अनिल झा, पूर्व महापौर विपिन बिहारी, चन्द्रिका ठाकुर, मनीष सिंह और बी डी पाण्डेय सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने हर बार की तरह एक बार फिर से पूर्वांचल वासियों का अपमान किया है। दिल्ली में लाखों की संख्या में पूर्वांचलवासी रहते हैं और छठ महापर्व को श्रद्धा, विश्वास और आस्था के साथ मनाते हैं लेकिन शायद यह बात अरविंद केजरीवाल को रास नहीं आ रही है। इसलिए आम आदमी पार्टी बार-बार पूर्वांचल के लोगों की भावना को ठेस पहुंचाने का एक भी मौका नहीं छोड़ते। यूपी-बिहार वाले दिल्ली 500 रुपये के टिकट पर आते हैं और 5 लाख का इलाज कराकर चले जाते हैं। केजरीवाल के इस बयान को भला कौन भूल सकता है।
उन्होंने कहा कि कोरोना की लहर जब आई तो उस वक्त भी अरविंद केजरीवाल ने पूर्वांचल के लोगों को बेसहारा छोड़ कर सुविधा देने की जगह हाथ खड़े कर लिए। ना ही राशन दिया, ना ही कोई चिकित्सकीय सुविधा दी और उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया। यहां तक की उन लोगों के पैरों में चप्पल तक नहीं थी। आज भारतीय जनता पार्टी इस फैसले का विरोध क्यों कर रही है क्योंकि यह पूर्वांचलियों के साथ आघात है और भारतीय जनता पार्टी उनके साथ खड़ी है। भाजपा ऐलान करती है कि हम कोरोना की गाइडलाइन को ध्यान में रखकर छठ महापर्व को पूरी दिल्ली में मनाएंगे। अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए केजरीवाल सरकार छठ महापर्व को मनाने से पूरी तरह से मना कर रही है। भाजपा यह मांग करती है कि दिल्ली सरकार तुरंत डीडीएमए को पत्र लिखकर छठ पूजा मनाने की अनुमति दें।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी ने केजरीवाल सरकार को एक मुर्ख सरकार बताते हुए कहा कि छठ की महत्ता और उस पर विश्वास को समझते हुए मैं मानता हूं कि छठ पूजा को मनाना दिल्ली में रहने वाले 80 लाख पूर्वांचलियों के लिए संजीवनी के समान है। छठ एक आस्था का विषय है इसमें राजनीति तो आनी ही नहीं चाहिए और इसलिए हम राजनीति से हटकर सभी छठ समितियों से मिल रहे हैं, उनकी तैयारी को समझने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन केजरीवाल सरकार द्वारा सीधा ना मनाने का फैसला काफी हैरान करने वाला है।
उन्होंने केजरीवाल सरकार को सांस्कृतिक विरोधी सरकार बताते हुए कहा कि दिल्ली में आज बसे अपनी पूरी क्षमता के साथ चल रही है, स्विमिंग पुल शुरु कर दिए गए हैं जबकि भाजपा स्विंमिंग पुल खोलने के पक्ष में बिल्कुल नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी यह मानता है कि आंख, नाक और मुंह से कोरोना का विस्तार होता है जबकि छठ महापर्व में नहाने का कोई प्रावधान नहीं है। हम पूरी दिल्ली के छठ व्रत करने वालों की भावना को देखते हुए छठ पर्व को बड़ी हर्षोल्लास के साथ मनाएंगे। स्वच्छता के प्रतीक छठ पर्व को मनाने में आखिर क्यों केजरीवाल को इतनी आपत्ति है। इस सवाल को पूछने के लिए मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास के बाहर भाजपा प्रचंड प्रर्दशन करेगी।

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