प्रदेश के धार्मिक स्थलों के बिजली-पानी फ्री करें केजरीवाल: हर्ष मल्होत्रा

नई दिल्ली:  भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेताओं के पास अब कोई मुद्दे नहीं बचे हैं इसलिए वे झूठ का परपंच रच रहे हैं। उनके नेता धार्मिक भावनाओं को भड़काने और निगम के ऊपर बेबुनियाद आरोप लगाने का काम कर रहे हैं। यही नहीं बल्कि खुद केजरीवाल सरकार दिल्ली के सार्वजनिक धार्मिक स्थलों पर जहां पूजा होती है वहां हज़ारों और लाखों के बिल भेज रही है, लेकिन उन जगहों पर बिजली-पानी फ्री करने की जगह आम आदमी पार्टी के नेता नगर निगम को बदनाम करने का काम कर रहे हैं।
आज पूर्वी दिल्ली नगर निगम मुख्यालय में हुए प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि नगर निगम अधिनियम की धारा 115 स्पष्ट तौर पर कहती है कि किसी भी धार्मिक पूजा स्थल पर संपति कर नहीं लिया जाता है। इसलिए निगम धार्मिक स्थलों पर ना ही पहले कोई संपति कर लेता था और ना ही आगे कोई कर लेने का प्रावधान है। इस मौके पर पूर्वी दिल्ली नगर निगम महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल, प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल, स्थायी समिति अध्यक्ष वीर सिंह पंवार एवं नेता सदन सत्यपाल सिंह मौजूद थे।

मल्होत्रा ने कहा कि पिछले सात सालों से केजरीवाल सरकार ने जो भी वायदें  किए उनमें से एक भी वायदें पूरा नहीं किया। भ्रष्टाचार का मुद्दा बनाकर कुर्सी पर बैठने वाली केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की जनता को धोखा देने के अलावा कुछ नहीं किया है। पिछले सात सालों में ना तो कोई अस्पताल बने और ना तो कोई विद्यालय। विकास के नाम पर कोई काम नहीं किया गया। सड़के बनवाना जो सबसे आसान काम है लेकिन उसे भी जर्जर हालत में पहुंचा दिया है।

उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल वोट पाने के लिए 200 युनिट बिजली और पानी फ्री करने का दावा करते हैं तो धार्मिक स्थलों के बिजली-पानी फ्री क्यों नहीं करते हैं? जबकि भाजपा और दिल्ली की जनता सभी धार्मिक स्थलों पर बिजली-पानी मुफ्त करने की मांग कर रही है। आम आदमी पार्टी के नेता एक तरफ एक विशेष समुदाय को तनख्वाह बांट रहे हैं और दूसरी तरफ पूजारी, पादरी और मुख्य ग्रंथियों के साथ क्या दुश्मनी है,जो उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है।

महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल ने कहा कि जिस कर्मचारी ने बिना निगम की अनुमति के पत्र जारी किया था, उसे कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है और मामले की विस्तृत जांच की जा रही है कि आखिर इस मामले में किन लोगों का हाथ है जो भाजपा और निगम को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं।

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