नियमों को तोड़कर नहीं खुलने दिए जाएंगे शराब के ठेके: रामवीर सिंह बिधूड़ी

नई दिल्ली:  दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी और तीनों नगर निगमों के मेयरों ने कहा है कि राजधानी में मास्टर प्लान के नियमों को तोड़कर शराब के ठेके खोलने की इजाजत नहीं दी जाएगी। जो भी ठेके खुले हैं, उन्हें बंद किया जाएगा, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएंगी और नॉन कनफर्मिग इलाकों में नए ठेके खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

रामवीर सिंह बिधूड़ी, दिल्ली प्रदेश भाजपा के महामंत्री हर्ष मल्होत्रा और तीनों नगर निगमों के मेयरों, दक्षिण दिल्ली के  मुकेश सूर्यान, उत्तरी दिल्ली के सरदार राजा इकबाल सिंह और पूर्वी दिल्ली के श्याम सुंदर अग्रवाल ने एक प्रेस कांफ्रेंस में साफ-साफ कहा कि कानून का उल्लंघन करके दिल्ली में शराब के ठेके खोलने की इजाजत किसी को नहीं मिलेगी, भले ही दिल्ली सरकार ने उन्हें लाइसेंस जारी कर दिया हो। प्रेस वार्ता में प्रदेश भाजपा प्रवक्ता विनीत गोयनका भी उपस्थित थे।

बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली में 80 नगर निगम वार्ड ऐसे हैं जहां नॉन-कन्फर्मिंग इलाकों में शराब के ठेके खोलने की इजाजत दी गई है। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने खुद यह बात स्वीकार की है। इसके बावजूद नियमों को तोड़कर इन इलाकों के लिए शराब के ठेकों के लाइसेंस जारी किए गए। अगर कोई व्यक्ति जानबूझ कर कानून तोड़ता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं होनी चाहिए ? अगर पंजाब में मजीठिया के खिलाफ एफआईआर हो सकती है तो फिर दिल्ली में मनीष सिसोदिया पर क्यों नहीं ?

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पंजाब को नशामुक्त करने की बात कर रहे हैं, लेकिन हैरानी की बात यह है कि वह दिल्ली के रिहायशी इलाकों में गली-गली में ठेके खोलकर शराब की नदियां बहा रहे हैं। दिल्ली सरकार बड़ी ही बेशर्मी से स्वीकार कर रही है कि हम अपना खजाना भरने के लिए ऐसा कर रहे हैं। नई शराब नीति से पहले दिल्ली में 260 सरकारी दुकानें थीं जिन्हें अब बढ़ाकर करीब 4000 किया जा रहा है। 849 ठेकों के लाइसेंस तमाम नियमों को ताक पर रखकर दिए गए हैं। यह भी परवाह नहीं की गई कि ये ठेके स्कूलों, धार्मिक स्थलों या अस्पतालों के आसपास तो नहीं। सरकार को इस बात की भी चिंता नहीं है कि दिल्ली को शराब की राजधानी बनाने के बाद कानून-व्यवस्था बिगड़ेगी, महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ेंगे और युवा वर्ग नशे के गर्त में डूब जाएगा। सरकार बताए कि आखिर इसमें उसका क्या लालच है क्योंकि उसने ठेकेदारों का कमिशन भी 2 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया है। बिधूड़ी ने उपराज्यपाल से मांग की कि वह इस सारे मामले में 3500 करोड़ रुपए की डील होने के आरोपों की जांच कराएं।

तीनों मेयरों ने भी यह कहा कि जो ठेके कानून का उल्लंघन करके खोले गए हैं, उन सभी को सील किया जा रहा है। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही हैं और भविष्य में नॉन कन्फर्मिंग इलाकों में ठेके नहीं खुलने दिए जाएंगे।

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