यूपी के प्रत्येक ग्राम पंचायत में न्यूनतम एक जन सेवा केन्द्र स्थापित

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के समस्त 75 जनपदों में पीपीपी माॅडल पर जन सेवा केन्द्रों की स्थापना एवं संचालन का कार्य सम्पादित हो रहा है। सी.एस.सी.-2.0 (काॅमन सर्विस सेन्टर-2.0) परियोजना के लक्ष्य के अनुरूप प्रदेश के प्रत्येक ग्राम पंचायत में न्यूनतम 01 जन सेवा केन्द्र एवं प्रति 10,000 आबादी पर न्यूनतम 01 जन सेवा केन्द्र स्थापित किये गये है। आज तक प्रदेश में 63,119 जन सेवा केन्द्र सक्रिय रूप से संचालित है।
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, इलेक्टॅªानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी आलोक कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इन जन सेवा केन्द्रों का संचालन ग्रामीण युवा उद्यमियों (केन्द्र संचालक/वी.एल.ई.) द्वारा किया जाता है। इस परियोजना के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर युवा उद्यमियों को स्वरोजगार एवं आर्थिक आत्मनिर्भरता का लाभ प्राप्त हो रहा है। उन्होने बताया कि जन सेवा केन्द्रों के माध्यम से उत्तर प्रदेश के 35 विभागों की 258 शासकीय सेवायें आम जनमानस को उनके द्वार के निकटस्थ स्थन पर उपलब्ध करायी जा रही है। यह सेवायें ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के माध्यम से जन सेवा केन्द्र संचालकों (वी.एल.ई.) द्वारा आम जनमानस को उपलब्ध करायी जाती है। इस पोर्टल पर उपलब सेवायें आम जनमानस द्वारा व्यक्तिगत रूप से इण्टरनेट के द्वारा भी लिया जा सकता है। उन्होने बताया कि कोविड-19 से प्रभावित लाकडाउन में प्रदेश में संचालित 63 हजार से अधिक जन सेवा केन्द्रों के माध्यम से आम जनमानस को विभिन्न सुविधाओं/सेवाओं को उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जन सेवा केन्द्र संचालक (वी.एल.ई.)/डिस्ट्रिक्ट सर्विस प्रोवाइडर (डी.एस.पी.)  द्वारा विभिन्न प्रकार का सामाजिक सहयोग भी  किया जा रहा है।

श्री आलोक कुमार ने बताया कि जन सेवा केन्द्र संचालन की नई निविदा प्रक्रिया (सी.एस.सी.-3.0) की कार्यवाही वर्तमान के समस्त 75 जनपदों में एक साथ प्रचलित है जिसे इस माह में पूरा किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होने बताया कि सी.एस.सी.-3.0 परियोजना अगामी 03 वर्षों के लिये होगी, जिसे डिस्ट्रिक्ट ई-गवर्नेन्स सोसाइटी (डी.ई.जी.एस.) एवं डिस्ट्रिक्ट सर्विस प्रोवाइडर (डी.एस.पी.) संस्थाओं की आपसी सहमति से 02 वर्षों तक आगे भी  बढ़ाया जा सकेगा। इस परियोजना के अन्तर्गत प्रति सेवा शुल्क 20 रुपये  से बढ़ाकर 30रु0 लिया जायेगा। ग्राम स्तर पर उपस्थित जन सेवा केन्द्र संचालक (वी.एल.ई.) को अधिक आय हेतु प्रति ट्राॅन्जेक्शन न्यूनतम  11 रु0 किया गया है। यह राशि पूर्व में 04 रुपये हुआ करती थी इससे ग्राम स्तर पर युवा उद्यमियों (केन्द्र संचालक) को प्रोत्साहन मिलेगा एवं उनमें आर्थिक आत्मनिर्भरता आयेगी।

आलोक कुमार ने बताया कि सी.एस.सी.-3.0 योजना अन्तर्गत उ0प्र0 के समस्त 75 जनपदों में 02-02 डिस्ट्रिक्ट सर्विस प्रोवाइडर (डी.एस.पी.) का चयन किया जायेगा । प्रत्येक जनपद पर 02-02 डी.एस.पी संस्थाओं के चयन से प्रतिस्पर्था बढ़ेगी जिसके कारण आम जनमानस को प्रदान की जाने वाली सेवाओं में गुणवत्ता की बढ़ोत्तरी होगी। सी.एस.सी.-3.0 परियोजना अन्तर्गत प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत में 02 जन सेवा केन्द्र एवं शहरी क्षेत्रों की प्रत्येक 10,000 आबादी पर 02 जन सेवा केन्द्र खोले जायेंगे, इस परियोजना अन्तर्गत सम्पूर्ण प्रदेश में 1.5 लाख जन सेवा केन्द्रों को खोले जाने का लक्ष्य है। इस परियोजना में लगभग 4.5 लाख ग्रामीण युवा उद्यमियों को स्वरोजगार प्राप्त होगा एवं उनमें आर्थिक आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।

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