आदिवासी कल्याण के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध: डॉक्टर प्रेम कुमार

आज विश्व आदिवासी दिवस है। विश्व के किसी भी देश में रह रहे आदिवासी की मूलभूत अधिकारों की सुरक्षा, उनकी कठिनाइयों को दूर करने के लिए विश्वव्यापी कार्यक्रम बनाती है। आदिवासी के लिए जल, जंगल, जमीन के अधिकारों की रक्षा, सामाजिक, आर्थिक, न्याययिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक सुरक्षा के लिए 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। सबसे पहले 1982 में अमेरिका में आदिवासी दिवस मनाया गया था।

इसी दिन अगस्त क्रांति दिवस भी देश में मनाया जाता है। आदिवासी शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है पहला शब्द है आदि और दूसरा है वासी जिसका अर्थ है मूलनिवासी। पृथ्वी का वह भाग जहां यह रह रहे हैं वहाँ के मूलनिवासी ही आदिवासी कहलाते हैं। भारत में तकरीबन 8.6% जनसंख्या आदिवासियों की है। लगभग 10 करोड़ के करीब। भारतीय संविधान में आदिवासी जाति के लिए ‘अनुसूचित जनजाति’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है। महात्मा गांधी ने आदिवासी को ‘गिरिजन’ पहाड़ पर रहने वाले लोग कह कर पुकारा है। भारत के उड़ीसा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और मिजोरम ऐसे राज्य में बहुत बड़ी आबादी आदिवासियों की है। आदिवासी जाति के पहचान के 5 मानक निर्धारित हैं भौगोलिक एकीकरण, विशेष संस्कृति, पिछड़ापन, संकुचित स्वभाव, आदिम जाति के लक्षण,। आदिवासी भाषा भीली, गोंडी, संताली, मुंडारी, खरिया और बोड़ों है। भारत सरकार ने आदिवासियों के कल्याण के लिए *वनबंधु कल्याण योजना* शुरू की है।

इसके लिए 100 करोड़ का बजट है। आदिवासियों को प्रशिक्षण देकर वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है ।आदिवासी उत्पादों या निर्माण योजना के विकास एवं बाजार में बिक्री हेतु संस्थागत सहायता दी जाती है। विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा में मदद छात्रावास की व्यवस्था। आदिवासी कल्याण के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है।

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