कृषि के विकास के मामले में ऐतिहासिक रहा है एन. डी. ए. का शासनकाल

पटना: बिहार के कृषि पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री-भाजपा के वरिष्ठ नेता डाॅ0 प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार में 2005 के बाद जबसे एन. डी.ए. की सरकार बनी तबसे कृषि के क्षेत्र में असाधारण एवं ऐतिहासिक कार्य हुये है। 2005 के पहले बिहार में किसानों की सूधी लेने वाला कोई नहीं था। खेती किसानी सरकार की प्राथमिकता से काफी कोसों दूर था।

2005 से पहले की सरकार किसानों के प्रति कितनी संवेदनषील थी इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2005 से पहले कृषि विभाग का कुल वार्षिक बजट मात्र 20 करोड़ रुपया का रहता था। जबकि एन. डी. ए. की सरकार में कृषि का बजट 2400 करोड़ रुपया है। यूरिया के लिए लाठीचार्ज होता था अब नीमकोटेड यूरिया आने से यूरिया की कालाबाजारी बन्द हुई है। अब पी.ओ.एस. मषीन से उर्वरकों की बिक्री होती है। वो भी पूरी पारदर्षिता के साथ।

डाॅ0 कुमार ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य की सरकार द्वारा कृषि के विकास को सबसे ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। केन्द्र एवं राज्य सरकार के समन्वित प्रयास से प्रदेश आज कृषि क्षेत्र में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। देश में बिहार की छवि एक प्रगतिशील राज्य के रूप में स्थापित हुई है। हमने प्रदेश में लगातार पांचवी बार कृषि  कर्मण पुरस्कार हासिल किये हैं, जो एक असाधारण उपलब्धि को दर्शाता है। गत वर्ष बिहार की आर्थिक वृद्धि दर स्थिर मूल्य पर 10 प्रतिषत से ज्यादा दर्ज की गई जो राष्ट्रीय औसत से ज्यादा रही तथा इस दर को हासिल करने में कृषि और खासकर पशु, मत्स्य पालन और मुर्गी पालन का बहुत बड़ा योगदान रहा है। पिछले तीन वर्षों में अंडे के उतपादन में 56 प्रतिषत से ज्यादा की वृद्धि हुई है, जिसका औसत वृद्धि-ंउचयदर 16 प्रतिषत से अधिक थी। मछली के क्षेत्र में भी इस दौरान लगभग 8 प्रतिषत की दर से विकास करते हुए 6.42 लाख टन का उत्पादन हुआ। दूध का उत्पादन दर भी 6 प्रतिषत से अधिक रहा है।

डाॅ0 कुमार ने कहा कि राज्य में कृषि एवं किसानों के लिए जितने कार्य हुये है। किसानों की जितनी मदद की गई है। इससे किसान काफी उत्साहित एवं आषान्वित है तथा किसी भी परिस्थिति में विपक्ष के भ्रमजाल में फसनेवाले नहीं है। बिहार में एकबार फिर से पूर्ण बहुमत से एन.डी.ए. की सरकार बनने जा रही है।

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