उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने की “गोपराली परियोजना“ की शुरुआत

नई दिल्ली:  उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने आज श्मशान घाटों पर दाह-संस्कार के लिए ईंधन के रूप में लकड़ी की जगह फसलों के अवशेष (पराली) और गाय के गोबर से निर्मित ईंधन ब्लॉक (गोपराली) परियोजना का की शुरुआत महादेव चैक, सेक्टर 26, रोहिणी स्थित श्मशान घाट से किया।

महापौर जय प्रकाश ने कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने श्मशान घाटों पर दाह संस्कार के लिए ईंधन के रूप में लकड़ी की जगह फसलों के अवशेष (पराली) और गाय के गोबर से निर्मित ईंधन ब्लॉक (गोपराली) के उपयोग किया जाएग। लगभग 300-400 किलो की गोपराली प्रतिदिन बनायी जाएगी और विभिन्न श्मशान घाटों में इसका प्रयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गैर सरकारी संगठन शिरडी साईं बाबा परिवार उत्तरी दिल्ली नगर निगम के साथ मिलकर गोपराली के ब्लॉक बना रही है। यह दिल्ली में उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा शुरू की गई अपनी तरह की एक नई पहल है। इसके अलावा गैर सरकारी संगठनों द्वारा चलाए जा रहे श्मशान घाटों को भी निकट भविष्य में लकड़ी के प्रयोग को कम करने और पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद करने के लिए गोपराली बनाने वाली मशीन को स्थापित करने के लिए कहा जाएगा।
जय प्रकाश ने कहा है कि इस उद्देश्य के लिए ऐसे संयंत्र सार्वजनिक और निजी भागीदारी में संचालित अन्य श्मशान घाटों में स्थापित किए जाएंगे। गोपराली के प्रयोग से लकड़ी पर निर्भरता कम होगी और पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि गोपराली के प्रयोग से पराली की समस्या को भी खत्म करने में मदद मिलेगी और प्रदूषण को भी इस से कम किया जा सकेगा। अब किसी को भी दाह-संस्कार या अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी और पेड़ों की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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