DTC बस घोटाले की CBI जांच का आदेश केजरीवाल सरकार के पतन की शुरुआत है: भाजपा

नई दिल्ली:  प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा है कि दिल्ली सरकार के डी.टी.सी. बस खरीद घोटाले की सी.बी.आई. जांच के आदेश अरविंद केजरीवाल सरकार के पतन की शुरुआत है। प्रदेश कार्यालय में हुए संयुक्त प्रेसवार्ता में श्री गुप्ता ने कहा कि दिल्ली की जनता को आज भी अरविंद केजरीवाल का 2013 का ब्यान याद है जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं एक भी दागी को विधानसभा में नहीं बैठने दूंगा, पर आज तो पूरी केजरीवाल सरकार कंठस्थ भ्रष्टाचार में डूबी है।

सरकार का मुखिया होने के नाते डी.टी.सी. बस घोटाले के लिए अरविंद केजरीवाल नैतिक रूप से जिम्मेदार हैं और उन्हें अब सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। प्रेसवार्ता में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता, प्रदेश उपाध्यक्ष श्री राजन तिवारी एवं प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर उपस्थित थे।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि सी.बी.आई. जांच का आदेश होना कोई सामान्य बात नहीं, 2010 के कामनवेल्थ खेलों से जुड़े घोटालों की सी.बी.आई. जांच के आदेश हुए थे पर तब किसी मंत्री पर सीधा आरोप नहीं था बावजूद इसके दिल्ली की जनता ने शीला दीक्षित सरकार को माफ नहीं किया और 2013 में सत्ता से बेदखल कर दिया था।
उन्होंने कहा कि यह खेद का विषय है कि शीला सरकार के भ्रष्टाचारों को उजागर कर सत्ता पर काबीज हुई केजरीवाल सरकार आज स्वंय डी.टी.सी. ही नहीं जल बोर्ड, लोक निर्माण विभाग एवं समाज कल्याण विभागों में घोटाले कर रही है।
आदेश गुप्ता ने कहा कि आज तो केजरीवाल सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत पर बस घोटाला करने के सीधे आरोप हैं, बहुमत के बल पर केजरीवाल सरकार आज बनी रह सकती है पर आगामी नगर निगम एवं विधानसभा चुनावों में जनता आम आदमी पार्टी को सत्ता से बेदखल कर देगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा मांग करती है कि सी.बी.आई. जांच से पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत एवं वे सभी अधिकारी जो इस बस घोटाले से जुड़े हुए हैं उन्हे पद मुक्त किया जाए।
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि जब विधानसभा में विजेन्द्र गुप्ता ने डीटीसी घोटाले को उठाया तो वहां बोलने का मौका तक नहीं दिया गया। शुरू से ही इस घोटाले को केजरीवाल सरकार दबाने का काम करती रही। इसके बाद हम प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता के नेतृत्व में एक बार नहीं बल्कि 4-4 बार उपराज्यपाल से मिले और इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की।
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्री जिस कमेटी का जिक्र करके कहते हैं कि केंद्र सरकार द्वारा बनाई कमेटी ने भी डीटीसी बस खरीद को बिल्कुल साफ बताया है दरअसल वह कमेटी केजरीवाल के कहने पर ही उपराज्यपाल द्वारा बनाई गई थी।  आज बहुत खुशी की बात है कि हमारी मेहनत सफल हुई है और सीबीआई जांच की अनुमति मिल गई। हमारे इस संघर्ष को बड़े स्तर पर उठाने के लिए मीडिया के सभी कर्मियों को धन्यवाद देता हूँ।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल द्वारा एमसीडी का पैसा रोककर दिल्ली के विकास कार्य में व्यवधान और दिल्लीवालों के सामने एमसीडी को बदनाम करने की कोशिश की गई है, वह दिल्ली की जनता जान चुकी है। उन्होंने कहा कि जब पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा था और एक-दूसरे की सहायता करने में लगा हुआ था उस वक्त दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं मनीष सिसोदिया मंत्री कैलाश गहलोत के साथ मिलकर घोटाले की साजिश रच रहे थे और सिर्फ रखरखाव के नाम पर सरकारी खजाने से 3500 करोड़ रुपये दे दिए गए।
विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि  इसके बाद जेवीएम कम्पनी को टेंडर का हिस्सा बनाकर इस पूरे घोटाले की रूप रेखा तैयार की गई। यह पहली बार किया गया जब डीटीसी के अध्यक्ष के पद पर किसी राजनीति से सम्बन्ध रखने वाले को बैठाया गया ताकि लुटे हुए पैसे को हजम करने में आसानी होगी। आज डीटीसी को लगभग 2500 करोड़ रुपये प्रति साल का नुकसान हो रहा है जो केजरीवाल के घोटालेबाज सरकार का एक प्रमाण है।
इसलिए अगर सीबीआई की साफ और स्पष्ट जांच करानी हो, तो सबसे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के साथ साथ इस मामले से सम्बंधित अधिकारियों को पद से हटाये जाने की भाजपा मांग करती है।

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