रोगों की जानकारी और प्रचार की योजना भी बनाई जाय: आलोक कुमार

जनसम्पर्क विभाग, उ0प्र0,एईएस और दिमागी बुखार पर नियंत्रण के सफल अभियानों से प्रेरणा लेकर अन्य रोगों से भी बाल मृत्यु रोंकेचार्ट तैयार किया जायचार्ट बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बाल मृत्यु के आंकड़ों में कमी लाने के लिए अन्य रोगों पर भी नियंत्रण आवश्यक है, इसलिए बाल मृत्यु के कारणों का विस्तृत आंकलन भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जिस रोग के उपचार के लिए सरकारी संसाधन उपलब्ध हैं उस रोग की जानकारी, बचाव और उपचार का प्रचार भी आवश्यक है।

उन्होंने बाल मृत्यु के बड़े कारण, डायरिया और निमोनिया जैसे रोगों पर नियंत्रण के लिए विशेष बल दिया। डायरिया में कौन सा फ्लूड कितनी मात्रा में देना है इसकी जानकारी नहीं होती और गलत इलाज बच्चे के लिए घातक हो जाता है। वेद प्रकाश, अनुप्रिया, डाॅ0 कपूर ने भी इस संदर्भ में तथ्यों एवं आंकड़ों से अवगत कराया। संयुक्त निदेशक डाॅ0 विकासेन्दु अग्रवाल ने बैठक में संचारी रोग नियंत्रण अभियान के जनपदवार विवरण की जानकारी दी।

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