केजरीवाल सरकार का वैक्सीनेशन पर राजनीति का पर्दाफाश

नई दिल्ली:  केजरीवाल की राजनीति में झूठ, फरेब, मक्कारी, धोखाबाजी और न जाने ऐसे कितने शब्दों का समावेश है, इसके बारे में शायद कोई नहीं जानता। केजरीवाल सरकार ने सिर्फ इस महामारी में ही नहीं बल्कि इसके पहले से ही लगातार दिल्ली की जनता को झूठी तस्सली देने का काम किया है। पहले ऑक्सीजन, दवाइयां और रेमडीसीवार की कालाबाजारी पर झूठ बोलते रहे और केंद्र सरकार पर आरोप लगाते रहे, लेकिन जब ऑक्सीजन पर ऑडिट करने की बात आई तो उन्होंने यू-टर्न ले लिया और अब टीकाकरण पर नया राग अलाप रहे हैं।

केजरीवाल अब वैक्सीन को लेकर लगातार झूठ पर झूठ बोल रहे हैं और दिल्ली की जनता को गुमराह करने के साथ-साथ डराने और आतंकित करने का काम कर रहे हैं। दिल्ली की जनता में टीकाकरण को लेकर एक भय का माहौल बनाना चाहते हैं ताकि जनता उनमे कमियां निकालने की जगह केंद्र सरकार को कसूरवार समझती रहे। प्रदेश कार्यालय में आज केजरीवाल सरकार का वैक्सीनेशन पर राजनीति का पर्दाफाश करने के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता, नेता प्रतिपक्ष श्री रामवीर सिंह बिधूड़ी और भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इस अवसर पर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता आदित्य झा उपस्थित थे।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल शुरू से ही वैक्सीन को लेकर नकारात्मक बातें लोगों के बीच फैलाते रहे ताकि हर किसी के अंदर वैक्सीन के प्रति विश्वास खत्म हो जाए। कैमरे के सामने एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ लड़ने की बात करने वाले केजरीवाल 16 जनवरी, 2021 से जब टीकाकरण शुरू हुआ तो उन्होंने जनता को जागरूक करने की जगह उसके अंदर वैक्सीन को लेकर डर भरना शुरू कर दिया और कहने लगे कि यह वैक्सीन कारगर नहीं है। एक मार्च से टीकाकरण का जब दूसरा फेज शुरू हुआ तब केजरीवाल द्वारा यह भी कहा कि अगर केंद्र सरकार हमें इजाजत देती है तो हम सीधे वैक्सीन निर्माता कंपनी से ही वैक्सीन प्राप्त कर सकते हैं। जिसके बाद केंद्र सरकार ने उन्हें इजाजत दे दी, लेकिन हकीकत यह है कि केजरीवाल का यह बयान सिर्फ लोगों को गुमराह करने और अपनी तैयारियों को छुपाने के लिए था। उन्होंने दिल्ली वालों की वैक्सीनेशन के लिए कोई तैयारी नहीं की जिसका पर्दाफाश 24 मई, 2021 को केजरीवाल सरकार के द्वारा दिए बयान से ही हो गया, जिसमें उन्होंने कहा कि हमने मॉडर्ना और फाइजर से कोरोना वैक्सीन के लिए बात की, लेकिन उनकी ओर से यह कहा गया है कि वह राज्यों को वैक्सीन नहीं देगी। इसलिए केंद्र सरकार हमें वैक्सीन दिलवायें। जबकि हकीकत यह है कि मॉडर्ना और फाइजर जुलाई 2022 से पहले वैक्सीन की सप्लाई ही नहीं कर पाएंगे। जबकि जिन कंपनियों ने जैसे कोविशिल्ड, कोवैक्सिन और स्पूतनिक जो वैक्सीन दे सकते हैं उनको केजीरवाल ऑर्डर नहीं देना चाहते। श्री गुप्ता ने कहा केजरीवाल की बहुरूपिया रंग इसी से समझा जा सकता है कि जो कंपनी वैक्सीन देने की बात कह रही हैं उससे केजरीवाल वैक्सीन लेना नहीं चाहते और जो कंपनी ऑर्डर ही नहीं ले रही हैं, उससे केंद्र सरकार को कह रहे हैं कि हमें वैक्सीन दिलवायें। दरअसल केजरीवाल दिल्ली की जनता को वैक्सीन के लिए उतने तत्पर नहीं है जितने केंद्र सरकार को बदनाम करने के लिए तत्पर हैं। केजरीवाल सरकार ने अगर ऑर्डर दिये होते तो उसकी कॉपी जरूर उनके पास होगी तो वह जनता के सामने सार्वजनिक करें। बीएमसी यानी बॉम्बे मुन्सिपल कारपोरेशन ने ग्लोबल टेंडर किया लेकिम केजरीवाल ने इस बीच क्या किया इसका जवाब दें। मेरा अरविंद केजरीवाल से सीधा सवाल है कि पहले केंद्र सरकार से वैक्सीन लेने की जगह कम्पनी से वैक्सीन लेने की इजाजत मांग रहे थे और जब इजाजत मिल गई तो फिर केंद्र सरकार से वैक्सीन लेने की मांग क्यों करने लगे?
आदेश गुप्ता ने कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर जिस तरह से अरविंद केजरीवाल लगातार केंद्र सरकार पर आरोप लगा रही है कि सरकार ने उन्हें वैक्सीन देने से मना कर रही है, इसलिए मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि दिल्ली में 25 मई तक कुल 5141090 लोगों का वैक्सीनेशन हुआ है इसमें अरविंद केजरीवाल का क्या योगदान है? दिल्ली की जनता केजरीवाल से पूछना चाहती है कि दिल्ली को अभी तक जितने वैक्सीन लगे हैं उनमें से केजरीवाल सरकार ने कितनी वैक्सीन खुद खरीदी हैं? अगर देखा जाए तो दिल्ली की कुल आबादी 2 करोड़ है जिनमें से लगभग 51 लाख लोगों को वैक्सीन लग चुकी है, यानी कुल आबादी का लगभग 20 फिसदी से ज्यादा। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता को सिर्फ गुमराह और अपनी कमियों से ध्यान भटकाने के लिए केंद्र सरकार को आरोपी कहने की जो अरविंद केजरीवाल की आदत है वह जनता समझ चुकी है और अब उनके चंगुल में नहीं फंसने वाली। अरविंद केजरीवाल का वैक्सीनेशन को लेकर रोना ठीक उसी तरह से हैं जिस तरह से ऑक्सीजन को लेकर था। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सिर्फ तीन महीने में ही पूरे दिल्ली में वैक्सीनेशन कराने की बात करते हैं, लेकिन दिल्ली की जनता जानना चाहती है कि वैक्सीन निर्माता कंपनी से सीधे तौर पर वैक्सीन लेने की बात करने वाली आम आदमी पार्टी सरकार ने जनता को वैक्सीन जल्दी लगे इसके लिए अभी तक क्या किया है?
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जनता को गुमराह और मुख्य मुद्दों से भटकाने के अलावा केजरीवाल ने क्या किया है। वैक्सीनेशन के दौरान जब केंद्र सरकार सभी राज्यों को वैक्सीन मुफ्त में दे रही थी तो उस वक्त केजरीवाल वैक्सीन निर्माता कंपनी से प्रत्यक्ष रूप से वैक्सीन प्राप्त करने की बात कर रहे थे और जब केंद्र सरकार से सभी राज्यों को वैक्सीन आर्डर करने की इजाजत मिली तो उस वक्त केजरीवाल प्रचार में व्यस्त थे। केंद्र सरकार द्वारा जब राज्य सरकारों को आदेश दिया गया, उस वक्त असम के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने 20 अप्रैल को एक करोड़ वैक्सीन का आर्डर भारत बायोटेक को दिया। उत्तर प्रदेश सरकार ने 25 अप्रैल को दोनों स्वदेशी वैक्सीन निर्माता कंपनी को 50-50 लाख वैक्सीन का आर्डर दिया। छत्तीसगढ़ सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक को 25-25 लाख वैक्सीन का आर्डर दिया, लेकिन केजरीवाल सरकार सिर्फ हाथ पर हाथ धरे दिल्ली की भोली-भाली जनता को उसके हाल पर छोड़ दिया और किसी भी कंपनी को कोई वैक्सीन के लिए आर्डर नहीं दिया। केजरीवाल ने दिल्ली की बजट में वैक्सीन खरीदने के लिए सिर्फ 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया और साथ ही कहा कि दिल्ली में 18 से 44 साल के लोग लगभग 1.25 करोड़ हैं यानी हमें कुल 2.5 करोड़ वैक्सीन की आवश्यकता होगी। केजरीवाल से सीधा सवाल है कि अगर वे दोनों कंपनियों से वैक्सीन खरीदेंगे तो उसके लिए लगभग 869 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी। केजरीवाल से सीधा सवाल है कि जब आपने वैक्सीन के लिए सिर्फ 50 करोड़ ही रखा है तो आवश्यक वैक्सीन कहाँ से कैसे खरीदेंगे इसका जवाब दिल्ली की जनता चाहती है। केजरीवाल प्रचार के लिए रखे 300 करोड़ रुपये को वैक्सीन के लिए खर्च करते तो शायद स्थिति कुछ बेहतर होती। अगर केजरीवाल सरकार ने आर्डर दिये हैं तो उसकी कॉपी दिखायें? केंद्र से इजाजत मिलने के बाद अभी तक वैक्सीन के लिए कोई आर्डर क्यों नहीं दिया गया?
रामवीर सिंह बिधूड़ी ने केजरीवाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने अब टीकाकरण की कालाबाजारी भी शुरू कर दी है। 18 से 44 साल के लोगों के पंजीकरण के लिए थोड़े समय के लिए ही स्लॉट खोल रही है और आम लोगों के लिए स्लॉट या तो खुलता नहीं है या खुलने पर पूरा भरा हुआ दिखाई देता है। इस तरह स्लॉट खोलने की जानकारी केजरीवाल के कुछ लोगों को ही मिलती है जिससे आम आदमी के हाथ कुछ हासिल नहीं होता। केजरीवाल सरकार ने टीकाकरण के लिए अपने कुछ ऐसे लोगों को रखा है जो टीकाकरण के पंजीकरण की समय अवधि को अपने अनुसार चला रहे हैं। केजरीवाल सरकार के सिविल डिफेंस या दूसरे लोग हैं, जो अपने हिसाब से टाइम स्लॉट खोलते हैं और उससे पहले वो अपने लोगों को बता देते हैं ताकि उनके खुद के लोग रजिस्ट्रेशन टाइम स्लॉट बुक करा लें। उन्होंने कहा कि 12 मई को दिल्ली में पूरा दिन आम जनता वैक्सीन रजिस्ट्रेशन टाइम स्लॉट के लिये इंतजार करती रही, लेकिन टाइम स्लॉट खोला गया रात को 23.59 मिनट पर। उस वक्त विभिन्न तीन जगहों पर 149, 92 और 150 सीटें थीं यानी पूरी 391 सीटें थी, लेकिन सिर्फ एक मिनट के अंदर 31 सीटें रह गई। 13 मई को सुबह 10.27 मिनट पर वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन टाइम स्लॉट खोला गया। श्री बिधूड़ी ने कहा कि आखिर जब सुबह 9 बजे का समय दिया गया है तो सुबह 10.27 में खोलने का क्या मतलब ? आखिर क्यों केजरीवाल सरकार दिल्ली की जनता को वैक्सीन के नाम पर धोखा दे रही है?
भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर केजरीवाल सरकार ने जिस तरह अफरा-तफरी और लोगों के अंदर डर का माहौल बनाया हुआ है वह उनकी घटिया और निचले स्तर की राजनीति को बताता है। दिल्ली की कुल आबादी 2 करोड़ है जो पूरे देश की आबादी का लगभग 1.6 प्रतिशत के बराबर है। अभी देश में कुल 20 करोड़ वैक्सीन लगी हैं यानी कुल आबादी और कुल वैक्सीन के हिसाब से दिल्ली को लगभग 35 लाख वैक्सीन मिलना चाहिए जबकि 16 लाख अधिक वैक्सीन अभी तक मिल चुकी हैं। लेकिन फिर भी केजरीवाल लगातार केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने स्पष्ट शब्दों में वैक्सीन को लेकर एक रोड मैप पूरे देश के सामने सार्वजनिक किया था कि 267 करोड़ वैक्सीन उपलब्ध कराएगी। भारत बायोटेक ने जनवरी से अप्रैल तक कोवैक्सीन की हर महीने 90 लाख डोज यानी कुल 3 करोड़ 60 लाख डोज सरकार को दी हैं और दिसम्बर तक भारत बायोटेक और उसकी सहयोगी प्रोडक्शन कंपनियों की ओर से कुल मिलाकर कोवैक्सीन की 80 करोड़ 70 लाख डोज उपलब्ध कराई जाएंगी। इनमें Indian IMM LTD की ओर से अगस्त से दिसम्बर तक 1 करोड़ 80 लाख डोज, Haffkine GOM नवम्बर से दिसम्बर में 2 करोड़ 80 लाख डोज, इसी तरह BIBCOL-DBT नवम्बर से दिसम्बर में 2 करोड़ डोज, Gujrat Research Centre की ओर से 2 करोड़ डोज का उत्पादन किए जाने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि स्पूतनिक अपनी सहयोगी कंपनियो के साथ मिलकर दिसम्बर, 2021 तक 25 करोड़ 81 लाख वैक्सीन डोज देगी। कोविशील्ड वैक्सीन का जनवरी से अप्रैल तक हर महीने 6 करोड़ यानी अब तक कुल 24 करोड़ डोज का उत्पादन किया जा चुका है और मई एवं जून में कुल 13 करोड़ डोज देने की बात हुई है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया साल के अंत तक इस वैक्सीन की 106 करोड़ डोज, DNA ZYDUS CADILA की ओर से अगस्त से दिसम्बर तक 5 करोड़, Protein Subunit Vaccine Bio-E की ओर से अगस्त से दिसम्बर तक हर महीने 10 करोड़ यानि कुल 50 करोड़ डोज, M RNA Vaccine Gennova से सितम्बर से दिसम्बर तक एक करोड़ प्रति माह यानि कुल 4 करोड़ डोज, Intranasal Vaccine BBlL सितम्बर से दिसम्बर तक हर माह 10 करोड़ यानि कुल 40 करोड़ डोज देगा। इतनी विस्तृत जानकारी देने के बाद भी केजरीवाल अपनी लापरवाही का ठिकड़ा केंद्र सरकार पर फोड़ रहे हैं। केजरीवाल अपनी आदत के अनुसार अफरा-तफरी का माहौल क्यों पैदा कर रहे हैं ?
प्रदेश भाजपा ने केजरीवाल सरकार से पूछे पांच सवाल
1 केंद्र सरकार जब केजरीवाल सरकार को वैक्सीन दे रही थी तब कंपनी से सीधा खरीदने की मांग कर रहे थे, जब इजाजत मिली तब पलटकर केंद्र सरकार से वैक्सीन की मांग क्यों करने लगे ?
2 केजरीवाल सरकार यह बताये कि दिल्ली में 50 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन लग चुकी है, वैक्सीन खरीद में “आप“ का क्या योगदान है ?
3 केजरीवाल सरकार ने वैक्सीन खरीदने के लिए ऑर्डर कब दिया ? केंद्र की इजाजत के बाद भी अभी तक वैक्सीन क्यों नहीं ली ?
4 आम आदमी पार्टी के नेता और विधायकों ने प्रशासन से मिली-भगत करके 18 से 44 वर्ष के लोगों को वैक्सीनेशन सेंटर पर मिलने वाले टाइम स्लॉट को सिर्फ अपने चहेतों के लिए एक निश्चित समय पर खोलते हैं जिसकी जानकारी सिर्फ “आप“ के लोगों के पास होती है, जवाब दो कि आखिर दिल्ली की भोली-भाली जनता को वैक्सीन के नाम पर धोखा क्यों ?
5 केंद्र सरकार पूरे देश के नागरिकों को दिसंबर तक वैक्सीन लगने का रोड मैप सभी को बता चुकी है फिर केजरीवाल अपनी आदत के अनुसार अफरा-तफरी का माहौल क्यों पैदा कर रहे हैं ?

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