संकट में संजीवनी के समान है गरीब कल्याण योजना: डॉ संजय जायसवाल
Date posted: 28 मार्च 2020
पटना: कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार द्वारा गरीब कल्याण योजना के तहत जारी राहत पैकेज की सराहना करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने इसे संजीवनी के समान बताया. उन्होंने कहा “कोरोना का प्रकोप झेल रही आम जनता के लिए ज़ारी किये गये अभूतपूर्व पैकेज के जरिए केंद्र सरकार ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि कोरोना से जारी इस लड़ाई में सरकार जनता के साथ पूरी प्रतिबद्धिता के साथ खड़ी है. 1.70 लाख करोड़ रुपए के इस पैकेज से देश के गरीब, किसान, महिला और वृद्ध लाभान्वित होंगे.
सरकार की कोशिश है कि गांवों और शहरों में रहने वाला कोई भी गरीब भूखा न सोए. इसके तहत अगले तीन महीने तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गरीबों को अतिरिक्त पांच किलो गेहूं या चावल और एक किलो दाल देने का ऐलान किया गया है, जिससे तकरीबन 80 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे. किसान सम्मान निधि के तहत 8 करोड़ 70 लाख किसानों को फायदा दिया जाएगा. 2 हजार की किस्त अप्रैल के पहले हफ्ते में ट्रांसफर कर दी जाएगी.”
उन्होंने कहा “कोरोना वायरस से निपटने में देश के हेल्थ वर्कर्स की अहम भूमिका को समझते हुए सरकार ने स्वास्थ्य कर्मचारियों को अगले तीन महीने के लिए 50 लाख रुपए का मेडिकल इंश्योरेंस कवर देने का फैसला किया है. वहीं देश के बुजुर्गों, दिव्यांगों और विधवाओं को DBT के जरिए आगामी तीन महीने तक 1 हजार रुपये की अतिरिक्त राशि दो किस्तों में देने की घोषणा की गयी है, जिसका लाभ 3 करोड़ लोगों को मिलेगा. पैकेज में महिलाओं का ख्याल रखते हुए उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ महिला लाभार्थियों को तीन महीने तक मुफ्त सिलिंडर तथा महिला जनधन खाताधारकों को प्रति माह अगले तीन महीने तक 500 रुपये दी जाएगी। इसके साथ ही महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दीनदयाल योजना के तहत 20 लाख तक का लोन देने का प्रावधान भी इस पैकेज में किया गया है, लोन देने की यह सीमा पहले 10 लाख थी.
डॉ जायसवाल ने कहा “ इस योजना के तहत रोज कमाने खाने वाले मनरेगा के मजदूरों की दिहाड़ी बढ़ाकर 182 रुपये से बढ़ाकर 202 रुपये कर दी गई है. वहीं लॉकडाउन की वजह से आर्थिक दिक्कतें झेल रहे, निर्माण क्षेत्र के 3.5 करोड़ रजिस्टर्ड वर्करों की सहायता के लिए 31000 करोड़ रुपये का फंड रखा गया है. इसके अतिरिक्त सरकार 3 महीने तक इम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड में कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों का पूरा योगदान खुद देगी, यानी ईपीएफ में पूरा 24% योगदान सरकार देगी. जमा रकम का 75% या 3 महीने के वेतन में से जो भी कम होगा, उसे निकाल सकेंगे. इससे 4.8 करोड़ कर्मचारियों को फायदा मिलेगा जो ईपीएफओ के सदस्य हैं। इसके लिए पीएफ रेग्युलेशन में संशोधन भी किया जाएगा. घनघोर संकट की इस बेला में प्रधानमन्त्री जी का यह पैकेज संजीवनी के समान है, जिससे आम लोगों और अर्थव्यवस्था दोनों को मदद मिलेगी.”
Facebook Comments