मुंबई हमले के वक्त रात भर पार्टी करते रहे थे राहुल गांधी: राजीव रंजन

पटना:  26/11/2008 को मुम्बई में हुए आतंकी हमले के लिए कांग्रेस की विफलता और निक्कमेपन का जीवंत प्रमाण बताते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने आज कहा कि कांग्रेस के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा और निर्दोष देशवासियों की जान का कभी कोई मोल नहीं रहा. इन्हीं के नाकारेपन की वजह से 2008 में आज ही के दिन कायर पाकिस्तानी आतंकियों ने मुम्बई में निरीह लोगों की लाशें बिछा दी थी. लेकिन इस हमले का प्रतिशोध लेने की बजाए कांग्रेस के नेताओं ने पाकिस्तान के डर से अपने मुंह सिलना उचित समझा. इनकी असंवेदनशीलता इतनी अधिक थी कि जिस समय आतंकी गोलियां बरसा रहे थे उसी समय इनके युवराज दिल्ली में अपने एक दोस्त के फार्म हाउस पर पार्टी कर रहे थे. इस हमले की खबर चौतरफ़ा फैलने के बाद भी उनकी पार्टी पूरे रात चलती रही.

उन्होंने कहा कि मुंबई पर हुआ वह जघन्य हमला कांग्रेस की कायरता के लिए हमेशा याद रखा जाएगा. जिस प्रकार भारतीय वायु सेना ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था वही जवाब 26/11 हमले के बाद भी दिया जा सकता था. हमारी सेना ने पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देने की पूरी तैयारी कर रखी थी लेकिन पाकिस्तान प्रेम और कायरता के कारण कांग्रेस के नेताओं ने सेना को हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने को कहा. सेवानिवृत्त एयर चीफ मार्शल फली होम मेजर ने यह साफ़ कहा कि आतंकी हमले के दो दिन बाद तीनों सेना प्रमुखों के साथ तत्कालीन प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री तथा रक्षा सचिव की मौजूदगी में हुई बैठक में वायु सेना प्रमुख ने सरकार को सर्जिकल स्ट्राइक का विकल्प सुझाया था. लेकिन यूपीए सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक के विकल्प को ही अवरुद्ध कर दिया.

उन्होंने कहा कि वास्तव में कांग्रेस में देश और देशवासियों के प्रति कोई संवेदना है ही नहीं, अगर रहती तो इन्होनें मोदी सरकार की ही तरह अपने सैकड़ों नागरिकों के बहे खून के एक-एक कतरे का हिसाब पाकिस्तान से जरुर लिया होता. लेकिन इसके ठीक उलट इनके नेता इस नृशंस कांड पर राजनीति करते हुए कांग्रेसी नेता इसे हिन्दू आतंकवाद बताने की साजिश में जरुर जुट गये थे. याद करें तो इस घटना के कुछ दिनों बाद ही राहुल गाँधी के राजनीतिक गुरु दिग्विजय सिंह ने पाकिस्तान को क्लीन चिट देते हुए, इसे आरएसएस की साजिश करार देने की कोशिश की थी. जिसके बाद उनकी भारी फजीहत हुई थी. लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर ऐसी घिनौनी साजिश रचने के बावजूद आज तक कांग्रेस ने उनके खिलाफ न तो कोई बयान दिया और न ही कोई कारवाई की. इससे साफ़ है कि यह सब किसके इशारे पर हो रहा था. आज भी इनके नेताओं का पाकिस्तान से याराना जगजाहिर है. 26/11 की बरसी पर कांग्रेस को इस पूरे प्रकरण में हिन्दू समाज को बदनाम करने और शहीद नागरिकों का बदला नहीं लेने के लिए पूरे देश से माफ़ी मांगनी चाहिए.

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