भौतिक चेतना के भंवर से बाहर निकालता है श्रीमद्भगवद्गीता: कौशिक चैतन्य

पटना:  श्री रामचरित मानस तथा भागवत कथा मर्मज्ञ आचार्य ब्रह्मचारी कौशिक चैतन्य जी महाराज ने कहा कि भौतिक चेतना से ऊपर उठकर हर मनुष्य को कृष्ण भावनाभावित बनना चाहिए। लेकिन वर्तमान परिवेश में मनुष्य केवल भौतिक गतिविधियों में फंस गए हैं जिस कारण उनका जीवन सुखमय नहीं हो पा रहा है। सभी मनुष्य को सदैव सत्यकर्म करने चाहिए। इसके साथ ही श्रीमद्भगवद्गीता का अनुसरण कर जीवन के मार्ग को बदला जा सकता है।
उक्त बातें आचार्य ब्रह्मचारी कौशिक चैतन्य जी महाराज ने पटना के आशियाना नगर स्थित व्यास कॉलोनी  में चल रहे सात दिवसीय श्री रामचरित मानस कथा महायज्ञ के दौरान भक्तजनों को कही। अबतक 85 हजार से ऊपर लोगों को नि:शुल्क श्रीमद्भगवद्गीता सप्रेम भेंट करने वाले बिहार भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, श्रीमद्भगवद्गीता आपके द्वार अभियान के संस्थापक तथा पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्र द्वारा आचार्य ब्रह्मचारी कौशिक चैतन्य जी महाराज को गीता प्रेस, गोरखपुर द्वारा प्रकाशित श्रीमद्भगवद्गीता सप्रेम भेंट कर उनका आशीर्वाद ग्रहण किया गया। इससे पूर्व श्री मिश्र द्वारा महाराज जी का भगवान श्रीराम के अंगवस्त्रम् से स्वागत अभिनंदन भी किया गया।

चिन्मय मिशन, लखनऊ से पधारे महाराज जी को पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता अजीत कुमार शुक्ला द्वारा शहर के प्रसिद्ध महावीर मंदिर का नैवेद्यम प्रसाद उपहार स्वरुप भेंट किया गया। साथ ही भगवान श्रीराम के अंगवस्त्रम् से श्री शुक्ल द्वारा स्वागत करते हुए महावीर मंदिर का दर्शन पूजन भी कराया गया। महाराज जी ने कहा कि गीता अभियान के संस्थापक संजीव कुमार मिश्र द्वारा घर-घर नि:शुल्क गीता पहुंचाने का कार्य सच्ची भागवत सेवा है। ऐसे पुनीत अभियान से हर किसी को जुड़ कर सनातन संस्कृति को मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि हम सभी फिर से भारत को विश्व गुरु बना सकें। कथा के आयोजक एवं चिन्मय मिशन पटना के अध्यक्ष महानंद झा द्वारा सफल आयोजन के लिए महाराज जी द्वारा पवित्र आशीर्वाद दिया गया। इस दौरान महाराज जी के शिष्य देवेश शुक्ला मुख्य रूप से सेवारत थे।

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