हिन्दूओं पर हुए अत्याचार की सच्चाई को दबाना चाहती है राजद-कांग्रेस

पटना: कश्मीर फाइल्स सिनेमा के मुद्दे पर आज विधानसभा में हुए हंगामे की निंदा करते हुए  भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष व मीडिया विभाग के प्रभारी राजीव रंजन ने इसे राजद-कांग्रेस की हिन्दू विरोधी मानसिकता का जीवंत प्रमाण बताया. उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले राजद-कांग्रेस जैसे परिवारवादी दलों का यह इतिहास रहा है कि इन्होने कभी भी हिन्दू हितों की परवाह नहीं की है. आज भी इनके निगाह में हिन्दू दोयम दर्जे के नागरिकों की तरह हैं. कश्मीर फाइल्स सिनेमा का विरोध तो बस बहाना भर है, वास्तव में यह कश्मीर हिन्दुओं के खिलाफ हुए जघन्य अपराधों को सामने ही नहीं आने देना चाहते हैं. यही वजह है कि यह बहाने बनाकर, बिना फिल्म देखे इसका विरोध कर रहे हैं.
श्री रंजन ने कहा कि राजद-कांग्रेस जैसे वंशवादी दल किसी धर्म या जाति के सगे नहीं होते. लोगों को बांट कर राज करना ही इनका एकलौता मकसद है. इनकी रणनीति रही है कि हिन्दुओं को जाति के नाम पर बांट कर और अन्य धर्मों को डरा कर उनका वोट हासिल करते रहो. इनके राज में बिहार में जाति-धर्म के नाम पर हुए दंगों के आंकडें इस का जीता जागता सबूत है. इन्हें पता है कि सच्चाई समझते ही यह लोग इनसे दूर चले जाएंगे. यही वजह है कि यह लोग कश्मीरी हिन्दुओं के नरसंहार और पलायन की कहानी को सामने नहीं आने देना चाहते हैं. वास्तव में इस फिल्म से आज जेहादियों से ज्यादा राजद-कांग्रेस जैसे हिन्दू विरोधी पार्टियां डरी हुई हैं.

श्री रंजन ने कहा कि वास्तव में कश्मीर हिन्दुओं के साथ किये गये अपराधों के खुलासे से यह लोग अंदर तक हिल चुके हैं. इन्हें इस बात का गुस्सा है कि आखिर सच्चाई को दबाने के इतने प्रयासों के बावजूद आखिर किसी ने इस विषय पर फिल्म का निर्माण कैसे कर दिया. यही वजह है कि कांग्रेस और उनके राजद जैसे सहयोगी दल इस फिल्म को प्रभावित करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं. इन्हें डर है कि कहीं इस फिल्म की सफलता से प्रेरित हो, लोग 84 के दंगों, भागलपुर दंगों और राजद के काल में होने वाले जातिगत नरसंहारों पर फिल्म न बनाने लगें.

भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने राजद-कांग्रेस यह जान लें कि सच्चाई को अधिक दिनों तक दबा कर नहीं रखा जा सकता. जनता अब जाग चुकी है और अब रुकने वाली नहीं है. यह पार्टियां अपने कुकर्मों को छुपाने की कितनी भी कोशिश कर लें, इनका एक-एक सच बाहर आ कर रहेगा.

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