राजद नेताओं में आत्मसम्मान नहीं: राजीव रंजन

पटना: राजद में चल रहे जगदानंद सिंह प्रकरण पर टिप्पणी करते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने आज कहा कि राजद में व्याप्त वंशवादी व्यवस्था के कारण राजद के नेताओं पर गुलामी मानसिकता पूरी तरह से हावी हो चुकी है. यही वजह है कि अब इनके अंदर का आत्मसम्मान पूरी तरह से मर चुका है.

उन्होंने कहा कि एक तरफ राजद के युवराज अपनी उम्र से भी अधिक राजनीतिक तजुर्बा रखने वाले दिग्गज नेताओं को एक-एक कर अपमानित कर रहे हैं, दूसरी तरफ इनके नेता न तो पद छोड़ने को तैयार हैं और न ही पार्टी. रामचन्द्र पूर्वे, रघुवंश बाबु के बाद अब जगदानंद सिंह के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के बाद भी इनके नेताओं का जमीर नहीं जाग रहा है. इससे साफ़ पता चलता है कि इन्होंने अपनी मान-मर्यादा, मान-सम्मान सब युवराजों के चरणों में गिरवीं रख दिया है.

जगदानंद सिंह से सांत्वना प्रकट करते हुए रंजन ने कहा कि राजद में सवर्णों की होने वाली उपेक्षा और अपमान के बावजूद जगदानंद सिंह ने इन्हें सुधारने की भरपूर कोशिश की, लेकिन इनके युवराजों ने उनके इतने वर्षों की मेहनत और वफादारी का क्या सिला दिया वह सबके सामने है. गौरतलब हो कि जगदानंद सिंह कोई सामान्य नेता नहीं है. वास्तव में राजद पर जितना हक लालू जी का है उतना ही हक जगदा बाबु का भी. राजद को बढ़ाने में उनके योगदान को कोई नकार नहीं सकता. इसके बावजूद पार्टी में सबके सामने उनकी प्रतिष्ठा से खिलवाड़ करके इनके युवराजों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि उनके समक्ष जगदानंद सिंह का भी महत्व एक लोटा पानी से अधिक नहीं है.

भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि राजद में वरिष्ठ नेताओं की लगातार हो रही यह दुर्गति पार्टी में संस्कारों की कमी को भी दिखाती है. इसी संस्कारहीनता के कारण आज राजद के वह सारे नेता भी चुप हैं, जिन्हें जगदानंद सिंह ने आगे बढ़ने में मदद की है. इसके अतिरिक्त कई नेता इसे अपने लिए अवसर मान कर भी होठ सिले बैठे हैं. वह नेता यह जान लें कि जब राजद में इतने वरीय नेताओं की इज्जत तार-तार की जा सकती है तो उनकी बिसात ही क्या है. आज जगदानंद सिंह युवराजों के निशाने पर हैं कल वह खुद होंगे.

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