सेल ने बोकारो में दी16000 नौकरियां,नॉएडा ने पकड़ाया झुनझुना,रंजन तोमर का आर टी आई से खुलासा

नॉएडा – इंडस्ट्रियल टाउनशिप बसाने के नाम पर नॉएडा के ग्रामीणों के साथ हुए खिलवाड़ की एक और कलई खुल गई है जिससे कई सवाल उठने लाज़मी हैं , यहाँ के गाँवों की ज़मीन खरीदने वाली पार्टी (प्राधिकरण) द्वारा निश्चित कर आपातकालीन कानून लगाकर अधिग्रहित कर ली गई , जो की अनुबंध कानून का भी  उल्लंघन है ,बहरहाल नॉएडा के युवा समाजसेवी एवं नॉएडा विलेज रेसिडेंट्स एसोसिएशन (रजि.) के  अध्यक्ष श्री रंजन तोमर द्वारा सेल (स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड ) में लगाई गई आर टी आई से  मिले जवाब से कई सवाल खड़े हुए हैं , श्री रंजन तोमर ने सेल  द्वारा बोकारो स्टील सिटी ,झारखण्ड में बसाये गए शहर और उसके कारण वहां के ग्रामीणों की अधिग्रहित ज़मीन और वहां के किसानों को दी गई नौकरियों से सम्बंधित जानकारी मांगी थी , जिसके जवाब में सेल के जन सूचना अधिकारी ने जानकारी दी के 1972 में बसाये गए बोकारो स्टील शहर में तब से अबतक आम ग्रामीणों , जिनकी ज़मीन अधिग्रहित कर दी गई , अथवा जो विस्थापित हो गए में से 16000 लोगों को नौकरी सेल  द्वारा दी गई हैं ,इसके साथ ही आगे सृजित होने वाली नौकरियों में भी उन ग्रामीणों को प्राथमिकता दी जायेगी जिनकी ज़मीन उनसे ले ली गई। साथ ही उनके ग्राम पंचायत या लोकल बॉडी में किसी भी तरह की छेड़छाड़ वहां नहीं की गई है , साथ ही बोकारो इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (बिआडा ) जो की नॉएडा की तर्ज़ पर बना है किन्तु नॉएडा की तरह मनमानी शक्तियां उसे नहीं दी गई हैं।

अब इसकी तुलना यदि नॉएडा से की जाए तो यहाँ के ग्रामीणों की ज़मीन लेकर नॉएडा ने  पांच प्रतिशत नौकरियों में आरक्षण की बात कहकर जनता को लॉलीपॉप खिलाया , यहाँ तक की रंजन तोमर द्वारा दाखिल एक आर टी आई से यह खुलासा भी हुआ था के ग्रामीणों के लिए पांच प्रतिशत नौकरियों में आरक्षण नॉएडा एवं उद्योगों  होने वाले करार का मुख्य बिंदु है , किन्तु प्राधिकरण अपनी ज़िम्मेदारियों से मुंह मोड़ता है  अतः ना ही यहाँ ग्रामीणों को भिन्न इंडस्ट्रीज में आरक्षण है न ही प्राथमिकता , और उसके बाद हमारी पंचायत व्यवस्था को समाप्त कर प्राधिकरण ही यहाँ का सर्वेसर्वा बन चुका  है।  हाल ही में जेवर एयरपोर्ट के कारण विस्थापित एवं उन किसानों जिनकी ज़मीन ली जा रही है को नौकरी देने की बात भी राज्य सरकार द्वारा कही गई है , ऐसे में नॉएडा प्राधिकरण ही ऐसा अलोकतांत्रिक ,गैरज़िम्मेदार संगठन क्यों बना दिआ गया इस बात का जवाब राज्य सरकार को ही देना होगा।

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