तेजस्वी को दलितों के सम्मान से अधिक ममता बनर्जी की हार की चिंता: रंजन

पटना: तेजस्वी को निशाने पर लेते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा “ तृणमूल कांग्रेस के नेता द्वारा दलितों को खुलेआम भिखारी बताये जाने के मुद्दे पर राजद के युवराज भले ही अभी तक मौन धारण किये हुए हों लेकिन ममता बनर्जी के पक्ष में उनके कुतर्क लगातार जारी हैं.

इससे साफ़ पता चलता है कि उनके मन में दलितों के सम्मान बजाये ममता बनर्जी की संभावित हार की चिंता ज्यादा है. उनके इस आचरण ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि इन लोगों के मन में दलितों-पिछड़ों के लिए कोई इज्जत नहीं है. इन्हें दलितों-पिछड़ों के वोट जरुर चाहिए लेकिन उन्हें अपने बराबर सम्मान देना इन्हें पसंद नहीं.”

राजद से सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा “ राजद को इस मुद्दे पर अपना स्टैंड जनता के सामने साफ़ करना चाहिए. वह बताये कि आखिर दलितों का कलेजा तार-तार कर देने वाले तृणमूल कांग्रेस के नेता के बयान पर उनके युवराज की चुप्पी क्यों नहीं टूट रही है? वह बताएं कि क्या उनके निगाह में भी दलितों का यही स्थान है? चुनाव के समय खुद को दलितों का सबसे बड़ा हितैषी बताने वाली यह पार्टी बताये कि तेजस्वी अभी भी ममता के पक्ष में क्यों खड़े हैं?

रंजन ने कहा “ वास्तव में राजद से बड़ा सामन्तवादी और अवसरवादी दल कोई नहीं है. इनका इतिहास देखें तो इन्होने कभी भी दलितों और पिछड़ों को वोटबैंक से ज्यादा तरजीह नहीं दी और हमेशा ही उनका शोषण किया. इनके राज में होने वाले नरसंहारों को याद करें तो उसमें भी सबसे ज्यादा शिकार दलित और पिछड़े ही हुए है. सत्ता के लिए यह चुनावों में दलितों-पिछड़ों से वोट की चिरौरी जरुर करते हैं, लेकिन चुनाव बाद इन्हें कुछ याद नहीं रहता. तेजस्वी यह जान लें कि इस मुद्दे पर मौन रह कर उन्होंने खुद को पूरे दलित समाज के सामने एक्सपोज कर लिया है.”

भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा “ तेजस्वी भले ही इस अतिगंभीर मुद्दे पर होठ सिले बैठे हों, लेकिन भाजपा इस पर शांत नहीं बैठने वाली. पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पहले ही इस मुद्दे पर चुनाव आयोग से शिकायत कर चुका है और आगे भी इसे हर मंच पर उठाने वाली है.”

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