संविधान भारत की आत्मा और धर्म ग्रंथ समान है: दिल्ली भाजपा अध्यक्ष

नई दिल्ली:  दिल्ली प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने आज यहां संविधान दिवस के अवसर पर लोकतंत्र को और अधिक मजबूत करने का संकल्प लिया ओर कार्यकर्ताओं से जनसेवा में जुटने का आह्वान किया। प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक सभा में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने संविधान दिवस के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के सम्बोधन को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ओर कार्यकर्ताओं के साथ सुना। नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज के दिन  स्वतंत्र अस्तित्व को आकार देने का प्रयास कर रहे देश ने संविधान को अंगीकार किया था। इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष राजन तिवारी, प्रदेश महामंत्री दिनेश प्रताप सिंह, प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार, प्रदेश मंत्री इम्प्रीत सिंह बक्शी, प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष योगिता सिंह, प्रदेश प्रवक्ता मोहन लाल गिहाराविक्रम बिधूड़ी, आदित्य झा, यासिर जिलानी सहित प्रदेश पदाधिकारी उपस्थित थे।

बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को याद करते हुए आदेश गुप्ता ने कहा कि भारत का संविधान नागरिकों के न्याय देने, समता और रक्षा के लिए है। हमें गर्व है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज के दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। साथ ही संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के जीवन से जुड़े पांच प्रमुख स्थलों को ’पंचतीर्थ’ के तौर पर संरक्षित किया। उन्होंने कहा कि आजादी के इतने वर्षों के बाद कांग्रेस ने लंबे समय तक शासन किया लेकिन कभी बाबा साहब को याद नहीं किया। उन्होंने बताया कि संविधान का निर्माण प्रथम राष्ट्रपति स्वर्गीय राजेंद्र प्रसाद जी की अध्यक्षता में गठित संविधान सभा की प्रारूप समिति ने 141 बैठकों के बाद तैयार हुआ। संविधान में मौलिक सिद्धांत, अधिकार सरकार और नागरिकों के कर्तव्य का जिक्र है।
आदेश गुप्ता ने महात्मा गांधी जी के वक्तव्य को दोहराते हुए कहा कि अधिकारों की उत्पत्ति का सच्चा स्रोत कर्तव्यों का पालन है। यदि हम सब अपने कर्तव्यों का पालन करें, तो अधिकारों को ज्यादा ढूंढने की जरूरत नहीं रहेगी। भारत का संविधान की मूल भावना अधिकार और कर्तव्य का तालमेल है। संविधान भारत का धर्म ग्रंथ समान बताते हुए उन्होंने का कि यह  सभी को बराबरी का दर्जा देता है। साथ ही बुराई और कुरीतियों को समाप्त करने के लिए संबल और बल प्रदान करता है, ऊंच-नीच के भेदभाव को समाप्त करता है, जाति, धर्म, संप्रदाय के अंतर को समाप्त करता है और समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को भी समान अवसर और सम्मान देता है।
उन्होंने कहा कि संविधान निर्माताओं ने अपने ज्ञान, विवेक, दूरदर्शिता और परिश्रम द्वारा एक ऐसा कालजयी और जीवंत दस्तावेज़ तैयार किया, जिसमें हमारे आदर्शों और आकांक्षाओं के साथ-साथ हम सभी भारतवासियों का भविष्य भी संरक्षित है। 71 वर्ष की अवधि में भारतीय संविधान ने जो उपयोगिता व सम्मान हासिल किया है, उसके लिए सभी देशवासी बधाई के हकदार हैं। हम भारतवासियों में, सभी स्रोतों से मिलने वाले अच्छे विचारों का स्वागत करने के साथ-साथ अपनी भारतीयता को बनाए रखने की परंपरा रही है। हमारी यही सांस्कृतिक विशेषता, हमारे संविधान के निर्माण में भी झलकती है। उन्होंने कहा कि कई ऐसी राजनीतिक दल है जो भारत के संविधान को चुनौती देते हैं और लोकतंत्र को भी। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए की जनता सब देखती है और सही समय पर इसके लिए सबक भी सिखाएगी।

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