दोषियों पर स्पीडी ट्रायल चलाकर सख्त सजा दिलाई जाए: डॉ प्रेम कुमार

जिस तरह से किशनगंज के थानेदार को पश्चिम बंगाल के एक गांव में लोगों ने पुलिस टीम पर हमला कर थानेदार को पीट – पीट कर मार डाला । दरअसल वाहन चोरों का पीछा करते हुए पड़ोस के राज्य पश्चिम बंगाल की सीमा में बिहार पुलिस ,किशनगंज थाने में पोस्टेड थानेदार व उनकी टीम चोर को पकड़ने गई थी , लेकिन जिस तरह से मस्जिद से लाउडस्पीकर से सूचना देकर भीड़ को इकट्ठा कराया गया ।

वह भी एक चोर को मदद/सहयोग के लिए । पुलिस तो जनता के शिकायत पर जनता को सहयोग के लिए,अनुसंधान करने वाहन चोर के घर तक पहुंची थी । लोगों ने चोर का अपना समझा और थानेदार को दुश्मन। भीड़ ने पीट-पीटकर थानेदार की हत्या कर दी । इस घटना ने एक और हत्या को जन्म दिया ।  थानेदार की माँ ने बेटे की हत्या का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सकी और उनकी भी मृत्यु हो गई ।

संजोग देखिए जिस मां के अंतिम यात्रा में बेटा को कंधा देना था । वहाँ मां – बेटा दोनों की एक साथ अर्थी उठी । क्या पश्चिम बंगाल  में सांप्रदायिक आधार पर बांटने-  बांटने और हिंसा करने की हमारी चेतना प्रबल हो गई है ? राम , बुद्ध और गांधी के देश में समाज के सामूहिक चेतना का यह डरावना और पतित पक्ष है।  क्या समाज को गंभीर हो कर  नहीं सोचना चाहिए?

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