मिशन शक्ति के पहले चरण में तीन करोड़ लोगों को किया जागरूक

लखनऊ:  निदेशक महिला कल्याण मनोज राय ने बताया कि मिशन शक्ति अभियान के अंर्तगत महिला कल्याण तथा बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे है। जिसके माध्यम से महिलाओं और बच्चो को उनके अधिकारों और उनके लिए प्रदेश सरकार के द्वारा चलायी जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है। विभाग द्वारा मुख्यालय स्तर से समस्त जनपदों को महिलाओं तथा बच्यों के प्रति हिंसा से रोकथाम संबंधित कानूनों सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर विषय सामग्री तैयार कर भेजी गई है। इसके साथ ही सभी जनपदों को विभिन्न विषयों पर ऑडियो एवं वीडियो सदेश, मूवी आदि प्रेषित की गई है। समस्त जनपद में निर्धारित कार्ययोजना के अनुसार प्रतिदिन गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है।
श्री राय ने बताया कि प्रथम चरण मे 17 से 25 अक्टूबर 2020 को  थीम (विषय) महिलाओं तथा बच्चों की सुरक्षा, सम्मान तथा स्वावलंबन पर कार्यक्रम चलाया गया। 14 से 20 नवम्बर 2020 का थीम (विषय) बाल व महिला अधिकार तथा मानसिक स्वास्थ्य व मनोसामाजिक परामर्श, 10 से 16 दिसम्बर 2020 का थीम (विषय) महिलाओं तथा बच्चों की तस्करी तथा बलपूर्वक भिक्षावृति, बाल-श्रम,  24 से 30 जनवरी 2021 का थीम (विषय) कन्या भ्रूण हत्या, 14 फरवरी से 20 फरवरी का थीम (विषय) यौन अपराध, किशोरावस्था में किशोर-किशोरियों को समर्थन, 08 से 15 मार्च का थीम (विषय) घरेलू हिंसा तथा सुरक्षित यात्रा, 13 से 22 अप्रैल का थीम (विषय) बाल विवाह पर कार्यक्रम तथा समापन होगा।

श्री राय ने बताया कि 17 अक्टूबर 2020 को राज्य मंत्री महिला एवं बाल विकास द्वारा मुख्यालय से रैली के माध्यम से मिशन शक्ति का शुभारंभ किया गया था। महिलाओं तथा बच्चों की हिंसा से रोकथाम हेतु जनपद, ब्लॉक तथा ग्राम स्तर पर मोबाइल एल.ई.डी. वैन रैली का आयोजन किया गया। 18 अक्टूबर 2020 को पॉक्सो कानून के अंतर्गत बच्चों को यौन हिंसा से बचाव के अंतर्गत संचालित समस्त संस्थाओं सहित अन्य सार्वजनिक स्थलों पर आडियो एवं वीडियो डिस्प्ले के माध्यम से प्रचार-प्रसार तथा चर्चायें की गयी। इसी तरह 19 अक्टूबर 2020 को लैंगिक समानता, घरेलू हिंसा तथा दहेज कानून के अन्तर्गत महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा से बचाव, दण्ड, सहायता, पुनर्वास पर जागरूकता कार्यक्रम चलाये गये। 20 अक्टूबर 2020 में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कन्या भ्रूण हत्या रोकने हेतु पीसीपीएनडीटी कानून के अंतर्गत महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा से बचाव सहायता पुनर्वास तथा हिंसा करने हेतु दंड के प्रावधान का जनपद ब्लॉक स्तर एवं ग्राम स्तर पर धार्मिक स्थलों पर नुक्कड़ नाटक, पोक्सो अथवा पपेट शो के द्वारा  जागरूक किया गया ।

21 अक्टूबर 2020  मे बाल विवाह रोकथाम सहायता पुनर्वास तथा बाल विवाह करने अथवा कराने हेतु दंड प्रावधान का जनपद स्तर, ब्लॉक स्तर तथा ग्राम स्तर पर ऑनलाइन चर्चा अथवा भौतिक चाय पर चर्चा की गयी। 22 अक्टूबर 2020 को कोविड-19 से रोकथाम व सहायता विभाग के अंतर्गत संचालित समस्त संस्थाओं सहित अन्य सार्वजनिक स्थलों पर ट्विटर फेसबुक इंस्टाग्राम आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से कैंपेन की गयी । 23 अक्टूबर 2020  को महिलाओं तथा संचालित कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु होल्डिंग, पंपलेट, पोस्टर, ऑडियो, वीडियो के संबंध में कार्यवाही की जाएगी। 24 अक्टूबर 2020 अष्टम दिवस में प्रदेश में एक साथ जिला ब्लाक तथा ग्राम स्तर पर बाल संरक्षण समितियों, बाल विवाह रोकथाम टास्कफोर्स, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ टास्क फोर्स, वन स्टॉप सेंटर टास्क फोर्स की बैठके की गयी ।  25 अक्टूबर 2020 को महिलाओं तथा बालिकाओं की सुरक्षा तथा संरक्षण हेतु शपथ तथा बालिकाओं प्रथम महिलाओं को हिंसा से बचाने जाने के लिए कार्य योद्धाओं को सर्टिफिकेट देकर सम्मान किया गया। इस प्रकार 17 से 25 अक्टूबर 2020 तक कुल 9, 01, 304  गतिविधियां संचालित की गयी, जिसमे 2,95,41,889 लोगों तक मिशन शक्ति अभियान के तहत लोगो को जागरूक किया गया।

श्री राय ने बताया कि महिला कल्याण तथा बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा मिशन शक्ति के सफल संचालन हेतु  12 अक्टूबर तथा 15 अक्टूबर को राज्य स्तर पर दोनों विभागों के उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारियों, जिलाप्रोबेशन अधिकारियों, जिला कार्यक्रम अधिकारियों, बाल विकास परियोजना अधिकारियों, संरक्षण अधिकारियों, केन्द्र प्रशासकों तथा महिला कल्याण अधिकारियों, स्वंयसेवी संस्थाओं व चाइल्डलाइन के प्रतिनिधियों सहित लगभग 1500 अधिकारियों/प्रतिभागियों  का मिशन शक्ति के क्रियान्वयन तथा विषय सामग्री पर ऑनलाइन अभिमुखीकरण किया गया।  1500 अधिकारियों/प्रतिभागियों द्वारा अपने जनपदों में कार्यरत लगभग 3,50,000 स्टॉफ/स्वंयसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को मिशन शक्ति के क्रियान्वयन तथा विषय सामग्री पर ऑनलाइन अभिमुखीकरण किया गया था, जिनमें आंगनवाड़ी कार्यकत्री, सहायिका के साथ-साथ जिला बाल संरक्षण ईकाई, वन स्टॉप सेन्टर तथा महिला शक्ति केन्द्र के कार्मिक शामिल हैं।

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