संतो और धर्माचार्यों के उपदेषों से विष्व की जनता लाभान्वित होती है-सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी

लखनऊ 02 फरवरी। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि प्रयागराज में विष्व हिन्दू परिषद एवं संतों के माध्यम से आयोजित धर्म संसद में एक बार पुनः मन्दिर निर्माण की भाषा गोल माल रूप में रखी गयी। संतो और धर्माचार्यों के उपदेषों से विष्व की जनता लाभान्वित होती है परन्तु इस धर्म संसद में ऐसा आभास हुआ कि प्रमुख उपदेषक संघ प्रमुख मोहन भागवत रहे और उनके उपदेषों का पालन संतों ने किया। इस प्रकार संतों के माध्यम से उल्टी गंगा बहाने का कार्य संघ प्रमुख ने किया। यदि इसी प्रकार देष में मन्दिर के नाम पर धर्मसंसद बुलाकर भाजपा के पक्ष में चुनावी माहौल तैयार करना है तो ज्यादा अच्छा होगा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सभी संतों को भाजपा के पक्ष में जनसम्पर्क अभियान में लगा दे। संघ प्रमुख का उपदेष संत गण स्वीकार कर लेंगे और देष में भाजपा का सैलाब आ जायेगा।
श्री त्रिवेदी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और विष्व हिन्दू परिषद दोनो की ही रामन्दिर निर्माण की कोई इच्छा नहीं है केवल चुनावी वर्ष में ही राममन्दिर का राग अलाप कर संतों के माध्यम से उनके भक्तजनों का रूप भाजपा के पक्ष में मोड लेते हैं। वर्तमान चुनाव से पूर्व भाजपा केन्द्र में पूर्ण बहुमत और साथ ही साथ डबल इंजन की सरकारों की मांग जनता से करती थी परन्तु विगत पांच वर्षो मंे देष की जनता ने कई इंजन एक साथ लगाकर भाजपा की सरकार बनायी परन्तु देष की जनता ठगी गयी क्योंकि न ही मन्दिर बना और न ही किसानों और नौजवानों को पांच साल तक सही दिषा प्राप्त हो सकी। अब पुनः चार वर्ष बीतने के बाद केन्द्र सरकार की बिदाई के समय संतों के माध्यम से जाप कराकर मन्दिर की बाधाएं दूर करने का प्रयास किया जायेगा।
रालोद प्रदेष प्रवक्ता ने कहा कि शायद संघ प्रमुख और विष्व हिन्दू परिषद यह भूल गयी है कि राम के नाम में ही इतनी शक्ति है कि राम जब चाहेगे तब मन्दिर बन जायेगा और बाधाओं को कोई स्थान नहीं मिलेगा। देष की जनता राम में आस्था रखती है परन्तु भाजपा और विष्व हिन्दू परिषद की आस्था समाप्त हो गयी है। आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा की काठ की हाण्डी अब नहीं चढेगी। मा0 सर्वोच्च न्यायालय और संविधान में भी आस्था रखना देष के प्रत्येक नागरिक का नैतिक दायित्व है और भाजपा के कर्णधार अक्सर न्यायपालिका और संविधान के विपरीत बयानबाजी करते हैं जो निदंनीय है।

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