नोएडा के जनप्रतिनिधि के करीबी पर झुग्गीवासियों ने लगाये गंभीर आरोप

नोएडा: करीब दस वर्ष पूर्व नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों के लिए  पुनर्वास योजना के तहत फ्लेट्स की एक स्कीम निकाली गयी थी।शुरुवात से ही विवादों में रही इस योजना को लेकर अब नया विवाद उत्पन्न हो गया है। अब नोएडा के जनप्रतिनिधि के करीबी पर फर्जी झुग्गी सील करवाने का आरोप लोगों ने लगाया है।आपको बता दे कि नोएडा में स्थित  झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों के लिए नोएडा प्राधिकरण ने पुनर्वास योजना के तहत फ्लेट्स की एक स्कीम निकाली थी।

कुछ लोगों इस स्कीम का लाभ उठाकर फ्लैट में शिफ्ट हो चुके है लेकिन अभी भी काफी लोग बाकी है।नियम के अनुसार झुग्गी झोपड़ी पुनर्वास योजना में जिस व्यक्ति का आवंटन जिस सीरियल नम्बर पर हुआ था  वहीं पर सीलिंग कराने का आदेश नोएडा प्राधिकरण द्वारा जारी किया गया था।
उसके बाद ही वह फ्लैट में शिफ्ट हो सकता है।लेकिन कुछ लोग अपनी ऊंची पहुंच के चलते नियम की अनदेखी करते हुये अपनी झुग्गी सील ना कराके दूसरे व्यक्ति की झुग्गी सील करवा कर अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति करने में लगे हुये है।बात करे सैक्टर-9 की तो यहा रामानंद पांडे पुत्र नवल किशोर पांडे जिसकी झुग्गी नम्बर-763 है।लेकिन वो इसको सील ना कराकर झुग्गी नम्बर एन 9एच 2/318  को सीलिंग कराने का दबाव बना रहे है।जबकि 318 नम्बर झुग्गी मो खालिस पुत्र कलीमुद्दीन के नाम सर्वे में दर्ज है।जिसका देखकर लगता है कि झुग्गी सीलिंग के नाम पर एक बड़ा फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।जब इसका विरोध स्थानीय झुग्गी वासियों ने किया तो रामानंद पांडे के साथ आये व्यक्ति धमैन्द्र पाठक जो खुद को भाजपा कार्यकर्ता कहता है ने नोएडा के जनप्रतिनिधि के करीबी को नियम की अनदेखी करने को कहा। जिसके बाद जनप्रतिनिधि के करीबी ने विरोध कर रहे स्थानीय झुग्गी वासियों पर दवाब बनाते हुये धमैन्द्र पाठक की बात मनाने को कहा।अब इसको सत्ता का नशा कहे था कुछ और।अगर बात करे नियम की तो प्रत्येक झुग्गी झोपड़ी के आवंटियों को कब्जा तभी मिलेगा जब वो अपनी उसी झुग्गी को सील कराएगा।
जहां उसने सर्वेक्षण कराया है अन्यथा उसके आवंटन को निरस्त करके नोएडा प्राधिकरण के पक्ष में जमा की गई धनराशि को जब्त कर धोखाधड़ी की कार्रवाई करने का मामला दर्ज किया जायेगा।इस सम्बंध में नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ने भी आदेश जारी किया है।मगर इस घटना से प्रतीत होता है कि इस योजना में बहुत बड़े लोग भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में लगे हुए हैं अगर ऐसे ही भ्रष्टाचार पनपता रहा और तो इस पुनर्वास योजना के बाद भी झुग्गी बस्ती मुक्त भारत बनाना असम्भव होगा।इस सम्बंध में जब ओएसडी अविनाश त्रिपाठी से बात हुयी तो उन्होंने बताया कि अगर ऐसा कोइ मामला संज्ञान मे आता है कि तो दोषियों के खिलाफ कारवाई होगी।

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