उत्तर प्रदेश आईटी और इलेक्ट्रानिक्स क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है: अजीत सिंह

लखनऊ: अजीत सिंह पाल  राज्य मंत्री, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, उत्तर प्रदेश के साथ वर्चुअल इंटरएक्टिव सत्र, “उत्तर प्रदेश में “कोविड 19” के दौरान एमएसएमई के भविष्य को बदलने में सूचना प्रौद्योगिकी की भूमिका ” को लेकर आज प्ैज्. पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) ने एक वर्चुअल इंटरेक्टिव सत्र आयोजित किया।

वेबिनार में अजीत सिंह पाल राज्य मंत्री, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, उत्तर प्रदेश ने अपने संबोधन में इस सत्र के आयोजकों को धन्यवाद दिया और  कहा कि सक्षम सरकार के तहत अब उत्तर प्रदेश एक औद्योगिक हब के रूप में उभर रहा है जो कई बड़े और छोटे कॉर्पोरेट घरानों का ध्यान आकर्षित कर रहा है, उन्होंने उल्लेख किया कि उत्तर प्रदेश राज्य आईटी और इलेक्ट्रानिक्स क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है। एमएसएमई को विशेष रूप से वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी लागत के हिसाब से और गुणवत्ता के लिहाज से आईटी सॉफ्टवेयर तैनात करने चाहिए। आत्म निर्भर उत्तर प्रदेश  बनाने का प्रयास न केवल भारत के लिए बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बड़ी भूमिका निभा सकता है।
वेबिनार में संबोधित करते हुए आलोक कुमार, आईएएस, अतिरिक्त मुख्य सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि उत्तर प्रदेश उद्यम और सफलता की बहुत अधिक संभावनाएं प्रदान करता है, यह भारत में सबसे बड़ा उभरता हुआ बाजार है और सरकार उद्योग-अनुकूल वातावरण में निरंतर सुधार के लिए दृढ़ संकल्प है। उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश में उद्यम स्थापित करने के इच्छुक उद्यमियों के लिए एक वेब आधारित ऑनलाइन सुविधा ‘निवेश मित्र पोर्टल’ भी शुरू किया है। प्रणाली का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को सक्षम करना है, जिससे उद्यमियों को एक ही स्थान से सभी स्वीकृति और ऑनलाइन शुल्क जमा करने सहित सभी प्रकार की अन्य शिकायतो के समाधान तथा ट्रैक करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक आधारित पारदर्शी प्रणाली के साथ उद्यमियों को सुविधा प्रदान की जा सके और उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नवीनतम पहल के बारे में बताते हुए कहा कि आईटी सेक्टर के स्टार्ट अप को प्रोत्साहित करने के लिए जो एमएसएमई इसकी सहायता भी कर सकते हैं इस को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने न्यू स्टार्टअप पॉलिसी में बदलाव किए हैं और साथ में उन्होंने मार्केटिंग सहायता फंड आफ फंड्स, कॉमन सर्विस सेंटर ३.0 एवं भारत सरकार के साथ ब्रॉड बैंड मिशन  जैसी योजनाओं के बारे में जानकारी साझा की।
नवनीत सहगल आईएएस अतिरिक्त मुख्य सचिव एमएसएमईएस विभाग उत्तर प्रदेश,ने कहा कि आईटी एमएसएमई व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे उन्हें अपनी पूरी क्षमता का एहसास हो सके। यूपी में निवेश के अवसरों पर चर्चा करते हुए, उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को देश का हृदय स्थल माना जाता है। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियां अपने सदस्यों को अंतर्दृष्टि, कनेक्शन और समर्थन सेवाएं प्रदान करने का प्रयास कर सकती हैं जो उनकी कंपनियों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा में बढ़त दिलाएंगे। उन्होंने यह कहते हुए निष्कर्ष निकाला कि उत्तर प्रदेश राज्य दुनिया भर के उद्यमियों को निवेश के अवसरों प्रदान करता है, बस आपको इन निवेश अवसरों को प्रकट करना होगा।
मनोज गौर अध्यक्ष, यूपी स्टेट चैप्टर, पीएचडीसीसीआई ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में, सभी गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों का इंटरैक्टिव वेबिनार सत्र में स्वागत किया और कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार राज्यव्यापी उद्योगपतियों के व्यापार कौशल को निवेश करने के विवेकपूर्ण निर्णय के लिए इन अवसरों को सामने लाने के लिए तैयार हैं।
विजय कुमार चोपड़ा, सीईओ, एपीवी-इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने अपनी कंपनी दवारा विकसित अनेक स्वदेशी आईटी सॉफ्टवेयर के बारे में भी जानकारी दी जो उन्होंने एमएसएमई के विकास के लिए पेश किया था एवं एपीवी के प्रमुख सदस्यों ने अपने विभिन्न सॉफ्टवेयर की जानकारी प्रस्तुत की जो कि ईआरपी, डिजिटल मार्केटिंग, शिक्षा क्षेत्र, क्लाउड और एमएसएमई के लिए दूरस्थ आईटी प्रबंधन के क्षेत्रों से सम्बंधित हैं।
वेबिनार का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में एमएसएमई द्वारा विभिन्न सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस एवं सूचना प्रौद्योगिकी में निवेश को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना था । सत्र के मुख्य गणमान्य व्यक्तियों में अजीत सिंह पाल माननीय राज्य मंत्री, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, उत्तर प्रदेश, आलोक कुमार, आईएएस, अतिरिक्त मुख्य सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी उत्तर प्रदेश सरकार, नवनीत सहगल आईएएस अतिरिक्त मुख्य सचिव, एमएसएमईएस, उत्तर प्रदेश सरकार, विजय कुमार चोपड़ा, सीईओ, एपीवी-इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उनकी प्रमुख टीम के सदस्य, मनोज गौर अध्यक्ष, यूपी स्टेट चैप्टर, पीएचडीसीसीआई, सौरभ सान्याल, सेक्रेटरी जनरल, पीएचडीसीसीआई डॉ रंजीत मेहता, प्रमुख निदेशक, पीएचडीसीसीआई एवं अतुल श्रीवास्तव रेजिडेंट डायरेक्टर शामिल थे। 200 से अधिक प्रतिभागियों द्वारा इंटरएक्टिव वेबिनार में प्रतिभाग किया गया।

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