कोरोना काल में क्यों नहीं खर्च हो रहे राजीव गाँधी फाउंडेशन के पैसे, बताये कांग्रेस

पटना: कोरोना काल में राजीव गाँधी फाउंडेशन के योगदान पर सवाल खड़े करते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने आज कहा कि टूलकिट के जरिये जनसेवा में लगे पीएम केयर्स को कांग्रेसियों ने बदनाम करने का हरसंभव प्रयास कर लिया है, अब वक्त राजीव गाँधी फाउंडेशन द्वारा कोरोना काल में किये गये जनसेवा कार्यों के बारे में बताने का है. कांग्रेस बताये कि कोरोना आपदा की इस दूसरी लहर में जहां कई छोटे-बड़े समाजिक संस्थान और कंपनियां लगातार सामने आ रही हैं वहीं राजीव गाँधी फाउंडेशन क्यों कहीं नजर नहीं आ रहा?

वह बताये कि राजीव गाँधी फाउंडेशन के तहत कितने कोविड अस्पताल खोले गयें, कितने ऑक्सीजन सिलिंडर व कंसेंट्रेटर खरीदें गयें और कहां-कहां उपयोग में लगे हैं?

उन्होंने कहा कि अरबों रूपये दबाये बैठा यह वही फाउंडेशन है, जिसने जाकिर नायक, राणा कपूर और मेहुल चौकसी जैसें भ्रष्टाचारियों से पैसे लेने के साथ-साथ भारत के दुश्मन और कोरोना वायरस के जनक देश चीन से भी पैसे खाने के आरोप लगे हुए हैं. कांग्रेस बताये कि क्या वायरस के चीनी होने और मदद करने पर चीन के नाराज होने के डर से राजीव गाँधी फाउंडेशन सामने नहीं आ रहा?

उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त इसके कई कॉर्पोरेट घरानों से भी ठेकों के बदले भारी पैसा लेने की बात भी उजागर हुई थी. कहा जाता है कि यूपीए शासन में कई केंद्रीय मंत्रालयों के साथ सेल, गेल, एसबीआई आदि पर भी राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा देने के लिए दबाव बनाया जाता था. यहां तक कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2005-2008 के बीच पीएम राहत कोष से भी राजीव गांधी फाउंडेशन को पैसा ट्रासंफर किया गया था. उस समय सोनिया गांधी पीएमएनआरएफ के बोर्ड में भी थीं और आरजीएफ की अध्यक्ष भी थीं. कांग्रेस बताये कि आखिर राजीव गाँधी फाउंडेशन के पैसे खर्च कहां होते हैं? अपने उद्देश्यों में समाजसेवा को लेकर लंबी-चौड़ी हांकने वाला यह संस्थान आपदा के इस घनघोर संकट में क्यों सहयोग नहीं कर रहा.

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