केजरीवाल सरकार ने पिछले 7 सालों में एक भी राशन कार्ड क्यों नहीं बनवाया

नई दिल्ली:  प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना को लागू न करने के खिलाफ पार्टी ने शाहदरा चैक टैक्सी स्टैंड के सामने केजरीवाल सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन में दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, प्रदेश भाजपा महामंत्री हर्ष मल्होत्रा, विधायक जितेंद्र महाजन सहित भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बड़ी संख्या में राशन वितरण करने वाले दुकानदारों ने भाग लिया और केजरीवाल सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

आदेश गुप्ता ने कहा कि आखिर देश के 34 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में केंद्र सरकार की वन नेशन वन राशन कार्ड योजना को लागू कर दिया गया है, लेकिन दिल्ली में लागू न करने की क्या मजबूरी है? वहीं दूसरी तरफ साल 2018 में सभी कार्डधारकों को बॉयोमेट्रिक करने की योजना लागू की गई थी और 4 महीने में ही यह योजना रोक दी गई क्योंकि इस बायोमेट्रिक योजना के माध्यम से इस अवधि में चार लाख से अधिक फर्जी राशन कार्ड पकड़े गए थे। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार इस समय राशन माफियाओं के चंगुल में हैं और इसिलिए वह एक नई स्कीम मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना लागू करना चाहते है। दरसल यह मुख्यमंत्री की कोई स्किम नहीं बल्कि स्कैम है। जब सारा खर्च केंद्र सरकार वहन करने को तैयार है तो सिर्फ वितरण करने में राज्य सरकार इतनी कतरा क्यों रही है। अगर केजरीवाल सरकार राशन का वितरण नहीं भी नहीं कर सकती तो ऐसी सरकार पर धिक्कार है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार की यह ऐसी योजना है जो पूरी तरह पारदर्शी है। अगर देश मे किसी कोने में भी राशन लिया जाए तो उसकी पूरी जानकारी हर राशन दुकान पर उपलब्ध रहती है। ऐसे में इस योजना को लागू ना करने के क्या कारण है? उन्होंने कहा कि पिछले 7 सालों से दिल्ली में एक भी राशन कार्ड नहीं बना है। इससे स्पष्ट है कि केजरीवाल सरकार राशन वितरण के प्रति कितनी गंभीर है। केजरीवाल ने आज तक जितनी भी योजनाएं शुरू की है वह अधूरी ही रही है चाहे वह मोहल्ला क्लीनिक हो बाइक एंबुलेंस की बात हो या फिर कोई अन्य योजना। जब राशन दुकानदार हर मोहल्ला और कॉलोनियों में है तो फिर मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना लाने का क्या मतलब। वन नेशन वन राशन कार्ड लागू न  करके यह पूरी तरह से स्पष्ट हो चुका है कि केजरीवाल की योजना मे  भ्रष्टाचार  है। इसलिए हमारा यह संघर्ष उस भ्रष्टाचार केजरीवाल सरकार के खिलाफ है जो वादे तो करता है लेकिन जब बात जनता को लाभ पहुंचाने की आती है तो यू टर्न ले लेते हैं।
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि केजरीवाल जिस मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना की बात कर रहे हैं दरअसल वो प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत केंद्र सरकार से मिले राशन को ही बांटकर खुद का नाम करना चाहते हैं और इसके पीछे एक बहुत बड़े भ्रष्टाचार की साजिश रची जा रही है। जब यह राशन गरीब जनता के घर तक पहुंचाई जाएगी तो उसकी पैकिंग चार्ज, डिलीवरी चार्ज के साथ राशन को महंगे दामों में दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली के 72 लाख कार्डधारकों के लिए हर महीने 126 करोड़ रुपये की सब्सिडी खर्च कर रही है और केजरीवाल सरकार जो हर साल प्रचार पर 1000 करोड़ रूपये खर्च कर रही है वह दिल्ली की जनता के लिए 126 करोड़ खर्च क्यों नहीं कर सकती है? पिछले सात सालों में 70 लाख लोगों ने राशन कार्ड के लिए रजिस्ट्रेशन करवाये लेकिन आज तक उन्हें राशन कार्ड तो केजरीवाल सरकार दे नहीं पाई और आज घर-घर राशन वितरण करने की बात करते हैं।
मनोज तिवारी ने कहा कि जिस तरह से केजरीवाल सरकार ने केंद्र सरकार की योजना को लागू ना करके दिल्ली की जनता को लाभ से वंचित रखा है वह एक घटिया राजनीति है क्योंकि जब केंद्र सरकार योजना की सारी व्यवस्था कर रही है तो आखिर केजरीवाल को इसे  लागू न  करने  देने की क्या मजबूरी है। उन्होंने कहा कि दरअसल हर सिस्टम में खराबी होती है लेकिन सिस्टम को ठीक भी किया जा सकता है पर यहां तो सिस्टम चलाने वाला ही चोर है। सेवा ही संगठन के तहत दिल्ली में 30 लाख से ज्यादा लोगों को भाजपा ने कोरोना महामारी में राशन उपलब्ध करवाएं, लेकिन सत्ता में बैठी हुई केजरीवाल सरकार ने गरीबों, असहाय लोगों और मजबूर जनता के बारे में सुध तक नहीं ली।

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