कोरोना के संकट में भी योगी सरकार ने भरी किसानों की जेब

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नेे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रिय कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसलों का स्वागत करते हुए कहा कि देश के 14 करोड़ से अधिक किसानों की खुशहाली प्रधानमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का न केवल वायदा किया, बल्कि इसके लिए अनेक प्रभावशाली कदम भी उठाये हैं। हर खेत को पानी, पर ड्राप मोर क्राॅप, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य(एम0एस0पी0) में लगातार बढ़ोत्तरी इसका प्रमाण है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केन्द्रिय केैबिनेट ने 14 फसलों का एम0एस0पी0 बढ़ाकर देश के अन्नदाता को मुस्कराने का एक अवसर दिया।

प्रधानमंत्री ने इस निर्णय के साथ केन्द्रिय कैबिनेट के अन्य समस्त निर्णय अभिनन्दनीय हैं। मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण करने के साथ ही नरेन्द्र मोदी के लिए किसानों के साथ समाज के सबसे वंचित वर्ग के जीवन में बदलाव लाना प्राथमिकता रही है। प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से एमएसएमई सेक्टर को संजीवनी मिली है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जरूरतमंदों को खाद्यान्न उपलब्ध करने के निर्देश देते हुए कि यह सुनिश्चित किया जाये कि प्रदेश में कोई भूखा न रहे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निराश्रितों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए 1 हजार रूपये, बीमार होने की दशा में 2 हजार रूपये तथा किसी निराश्रित यक्ति की मृत्यु होने पर उसके परिवार को 5 हजार रूपये देने की व्यवस्था की है। पुलिस द्वारा प्रभावी पैट्रोलिंग करते हुए यह सुनिश्चित किया जाये कि कहीं भीड़ एकत्र न होने पाए। बाजारों में नियमित फुट पैट्रोलिंग की जाये। हाई-वे तथा एक्सप्रेस-वे पर पीआरवी 112 के माध्यम से सघन पैट्रोलिंग की जाये। पैट्रोलिंग के दौरान पब्लिक एड्रेस के माध्यम से लोगों को कोरोना से बचाव के सम्बन्ध में जागरूकता के साथ सोशल डिस्टेन्सिंग का पूर्ण पालन कराया जा रहा है।

वैश्विक महामारी कोरोना को रोकने के लिए देश में लाॅकडाउन किया गया। लाॅकडाउन ऐसे समय किया गया जब रबी की फसलें तैयार थीं। इस साल बैमौसम की बारिश, आंधी-तूफान और ओलावृष्टि से किसान पहले से ही फसल को लेकर डरे हुए थे। लाॅकडाउन लगने से उनका डर और बढ़ गया। उस समय की उनकी सर्वाधिक चिन्ता यही थी कि कैसे फसल कटेगी ? मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी हमेशा की तरह इस बार भी किसानों के लिये संकटमोचन बनकर सामने आए। एक तरफ जहाँ उन्होंने किसानों की जेब का पूर्ण ख्याल रखते हुए गेहूँ, चना और गन्ना मूल्य का भुगतान किया, वहीं दूसरी ओर 2 करोड़ 4 लाख किसानों को दो बाद 2-2 हजार रूपये की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि भी भेजी। जायद की जो फसल, फल और सब्जियाँ खेत में थीं, उनकी सुरक्षा के लिए दवाएं उपलब्ध हों, उनके लिए खाद-बीज की दुकानों को खोलने की अनुमति भी दी। इससे जायद की फसल लेने वालों को भी आसानी हुई साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए एमएसएमई(न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर खरीद भी शुरू करवाई। इस क्रम में कुल 3,477 लाख कुंतल गेहूँ खरीद पर 3 हजार 890 करोड़ रूपये का भुगतान कराया। लाॅकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों के लिए भी बड़ा कदम उठाया। इस दौरान प्रदेश की सभी 119 चीनी मिलें चलती रहीं और इस सत्र में 20 हजार करोड़ रूपये का गन्ना मूल्य का भुगतान सीधे किसानों के खातों में भेजा गया।

चीनी मिलों के संचालन से प्रदेश के 35 से 40 हजार किसान इनसे सीधे जुड़े और 72 हजार 424 श्रमिकों को रोजगार मिला, तो वहीं गन्ना छिलाई के माध्यम से 10 लाख श्रमिकों को प्रतिदिन रोजगार दिया गाय। इस सत्र में कुल 11 हजार 500 लाख कुंतल गन्ने की पेराई हुई और 1251 लाख कुंतल चीनी का उत्पादन कर देश में उत्तर प्रदेश नम्बर एक पर रहा, तो वहीं महाराष्ट्र को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ।

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