आया लोकतंत्र का महात्यौहार …

क्या हम हैं तैयार ….  ?

हम सब भारत माता की जय का उद्घोष करते आये हैंयह जय भारत को परम वैभव पर ले जाने का स्मरण कराती है  यह वैभव तभी प्राप्त होगा जब यह राष्ट्र सामाजिक रूप से समरस, आर्थिक रूप से समृद्ध तथा राजनैतिक रूप से सशक्त होवर्तमान राज्य व्यवस्था में राजनैतिक सशक्तता अन्य दोनों को प्रभावित करती है वहीं यह हर पांच वर्ष में समाज को इसके मूल्यांकन का अवसर देती है। 2019 वही पांचवां वर्ष है जिसमें हम सबको मूल्यांकन कर्ता की भूमिका निभानी है और अपने मत का प्रयोग कर सही-गलत का निर्णय करना हैलेकिन उससे पूर्व निम्न प्रश्नों के उत्तर खोजना जरूरी है :-

 क्या भारत का वैश्विक सम्मान बढ़ रहा है ?

क्या भारत की सीमाएं सुरक्षित हो रहीं हैं ?

क्या भारत की सेना सशक्त हो रहीं है ?

क्या हमें भारतीय होने पर गर्व हो रहा है ?

क्या भारतीय नागरिक स्वावलम्बी व स्वाभिमानी हो रहे हैं ?

क्या स्वच्छता, योग एवं आयुष्मान भारत के माध्यम से स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रयास सही दिशा में हैं ?

क्या भारतियों में स्व-गौरव का बोध हो रहा है ?

क्या भारत की सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण एवं संवर्धन हो रहा है ?

क्या भारत विकास पथ पर तीव्र गति से बढ़ रहा है ?

क्या भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रगति कर रहा है ?

क्या भारत भृष्टाचार से मुक्ति की दिशा में बढ़ रहा है ?

क्या भारत में प्रतिभाओं को उचित सम्मान मिल रहा है ?

क्या भारत के भुला दिए गए महापुरुषों को सम्मान दिया जा रहा है ?

क्या भारत वित्तीय समावेशन की ओर बढ़ रहा है ?

क्या भारत वैश्विक नेतृत्व के लिए तैयार हो रहा है ?

स्वस्थ, समर्थ, सुरक्षित, समृद्ध एवं सुखी भारत के लिए उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर ‘हाँ’ में आना आवश्यक है। इसके लिए पिछले पांच वर्षों का मूल्यांकन कीजिये तथा अपना बहुमूल्य वोट देकर इस ‘हाँ’ को और मजबूत कीजिए ।

रहिए होशियार …बनिए समझदार….

तभी होगा आपका मत असरदार ।।

कर रहा राष्ट्र आह्वान – राष्ट्रहित में हो मतदान ।।

विनोद शर्मा “विवेक “

इन्द्रप्रस्थ अध्यन केंद्र प्रमुख

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