केन्द्र सरकार साढे चार वर्ष तथा प्रदेश सरकार डेढ वर्ष से किसानों की उपेक्षा कर रही है-डाॅ0मसूद अहमद-
Date posted: 13 नवंबर 2018
लखनऊ 13 नवम्बर। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद ने कहा कि केन्द्र सरकार साढे चार वर्ष से तथा प्रदेशसरकार डेढ वर्ष से लगातार किसानों की उपेक्षा कर रही है जिससे किसान हताषा की ओर बढ रहा है। कृषि प्रधान देष के किसानों का वोट लेने के लिए इन सरकारों द्वारा विभिन्न प्रकार के प्रलोभन दिये जाते हैं और सरकार के गठन होने के पष्चात किसानों को समाज के सबसे निम्न स्तर का सदस्य माना जाता है और समय समय पर उनका उत्पीडन करने की साजिष की जाती है।
डाॅ0 अहमद ने कहा कि देष के प्रधानमंत्री लगातार किसानों की आय दुगुनी करने की बाते करते हैं जबकि किसानों की आय लगातार घटती जा रही है। फसलों के बीज, खाद एवं उर्वरक के साथ साथ सिचाई के साधन मंहगे होते जा रहे हैं। कर्जमाफी के नाम पर किसानों के साथ धोखा किया गया है और बहुत से किसानों को एक और दो रूपये के चेक देकर उनकी खिल्ली उडायी गयी है। गन्ना किसानों का विगत सत्र का ही हजारों करोड़ रूपया बकाया है जिसके कारण किसानों की बेटियों की शादी तक रूकी हुयी हैं और उनकी सरकारी देनदारी के प्रति जिला प्रषासन एवं सम्बन्धित विभागों द्वारा लगातार कार्यवाही हो रही है जिससे किसान वर्ग पीडि़त होकर आन्दोलन करने के लिए बाध्य है। जिसका सबसे बडा प्रमाण दिल्ली की सीमा पर किसानों पर हुआ लाठीचार्ज है।
रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अभी तक प्रदेश की सभी चीनी मीले चालू नहीं की गयी हैं जबकि गन्ना तैयार खड़ा है और ख्ेात खाली करने की आवष्यकता है। गन्ने का समर्थन मूल्य भी अब तक घोषित नहीं हुआ है जबकि कथनी में सरकार की नीति फसल बोने से पहले ही समर्थन मूल्य घोषित करने की है। जनपदो में धान के क्रय केन्द्र केवल कागजों पर खुले हैं और जो क्रय केन्द्र चालू भी हैं। वहां विभिन्न प्रकार से धान बेचने को मजबूर किसानों का शोषण किया जा रहा है।
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