एक ही सिक्के के दो पहलू हैं राहुल-तेजस्वी: राजीव रंजन

पटना: राहुल-तेजस्वी पर संकट में भी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने उन्हें एक ही सिक्के के दो पहलु बताया. उन्होंने कहा “ राहुल और तेजस्वी दोनों ही भले ही अलग-अलग दलों में युवराज हों लेकिन अगर दोनों की राजनीति करने के तरीकों को देखें तो यह दोनों एक ही सिक्के के दो पहलुओं की तरह नजर आते हैं. वंशवाद और भ्रष्टाचार को अपनी राजनीति का मूल ध्येय मानने वाले इन दोनों युवराजों का कभी भी जनता के साथ कोई सरोकार नही रहा. दोनों के हाथों में सिर्फ वंशवाद के कारण पार्टी की कुर्सी आयी हुई है.

दोनों का संकट के समय पार्टी व दायित्वों से भाग खड़े खड़े होने का पुराना रिकॉर्ड है, दोनों कहाँ अपनी छुट्टियाँ मनाते है किसी को पता नहीं चलता और दोनों ने ही अपने कारनामो से अपनी-अपनी पार्टी का बंटाधार करके रखा हुआ है. यही नहीं विगत कुछ वर्षों को देखें तो जिस मुद्दे को राहुल जी केंद्र में उठाते हैं, उसी को लेकर तेजस्वी बिहार में क्रांति करने लगते हैं. इन्हें यह तक समझ में नहीं आता कि जिस राहुल की नकल करने की कोशिश वह कर रहे हैं, वह झूठ की खेती करने वाले नेता के तौर पर प्रसिद्ध हो चुके हैं. राहुल की देखादेखी ही इन्होने बिना सोचे-समझे सवर्णों, दलितों, पिछड़े-अतिपिछड़े सभी समुदायों के लिए किये जा रहे कार्यों का विरोध किया था, जिससे इन समाजों के बचे-खुचे लोग भी इनसे दूर चले गये. राहुल की तर्ज पर तेजस्वी ने भी अपने इर्द-गिर्द हाई-प्रोफाइल सलाहकारों का एक घेरा बना लिया है, जिन्हें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बात काटने में भी देर नहीं लगती. लोग कहते हैं कि यह दोनों वही करते हैं और वही बोलते हैं जो इनके सलाहकार बताते हैं. आम कार्यकर्ता इन सलाहकारों के घेरे को पार कर उन तक अपनी बात तक नहीं पहुंचा सकते.”

श्री रंजन ने कहा “ दोनों युवराज अपनी धुन में मस्त अपनी-अपनी पार्टियों का भट्ठा बैठाने में जुटे हुए हैं. अगर इनके बचे-खुचे कार्यकर्ताओं को अपनी राजनीति बचानी है तो उन्हें वक्त रहते कोई और ठिकाना ढूंढ लेना चाहिए.”   

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