केंद्र व प्रदेश सरकार की नीतियों से उत्पन्न हुआ बिजली संकट: सुनील चौधरी

नोएडा: कोयले की कमी के चलते देश, प्रदेश में बिजली कटौती के मुद्दे पर विवाद बढ़ता जा रहा है। विपक्ष के नेता इस मुद्दे पर केंद्र व प्रदेश सरकार पर हमलावर है। अब सपा ने सत्ता पक्ष पर निशाना साधा है।सपा नेता व निर्वतमान विधानसभा प्रत्याशी सुनील चौधरी ने बिजली कटौती के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार के नीतियों को जिम्मेदार बताया है। सरकार अगर सही दिशा में काम करे तो प्रदेश में बिजली कटौती की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

लोग बिजली के लिए अन्य राज्यों के मुकाबले ज्यादा पैसा देते हैं। प्रदेश में बिजली कटौती है और पर्याप्त बिजली नहीं है। कोयले की कमी से उपजे बिजली संकट ने जिले के निवासियों की मुसीबत बढ़ा दी है। मांग से कम बिजली मिलने से देहात क्षेत्र में चार से पांच घंटे की कटौती शुरू हो गई है। नो कट जोन नोएडा में भी एक से दो घंटे बिजली गुल हो रही है। बिजली घरों में कोयला की कमी से कम उत्पादन का असर दिखाई देने लगा है।

जिले में बिजली की मांग 1260 मेगावाट की है, जबकि आपूर्ति 1070 मेगावाट की हो रही है। जिले को मांग के अनुरूप बिजली नहीं मिली थी, इससे अधिक बिजली कटौती की संभावना बढ़ी है। छोटे-छोटे व्यापारी परेशान हैं। उनको काम करने के लिए अब जेनरेटर का सहारा लेना पड़ रहा है। इससे डीजल खर्च का भार पड़ रहा है। इससे व्यापारी परेशान हैं।सोसाइटी में रहने लोग भी परेशान है। महँगाई के दौर में बिजली संकट से लोग बेहाल है। अगर जल्द समस्या का हल नहीं निकला तो सपा इस मुद्दे पर आंदोलन करेगी।

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