बच्चों से वादा: एनीमिया और बाल संरक्षण को प्राथमिकता
Date posted: 22 October 2025
इंदौर, मध्य प्रदेश : यूनिसेफ और इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने आज ‘बच्चों से वादा: एनीमिया और बाल संरक्षण को प्राथमिकता’ विषय पर एक गोलमेज बैठक का आयोजन किया। इस विशेष आयोजन में राज्य के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, नागरिक समाज के प्रतिनिधि, मीडिया और बदलावकारी युवा शामिल हुए। बैठक का उद्देश्य बच्चों को प्रभावित करने वाले दो अहम मुद्दों—एनीमिया और बाल सुरक्षा—पर साझा प्रयासों को मज़बूती देना था।
मुख्य भाषण में यूनिसेफ इंडिया की प्रतिनिधि सिंथिया मैककैफ्री ने राज्य सरकार की लैंगिक समानता को बढ़ावा देने, पोषण सुधारने और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने कहा,“जब बच्चों को सही पोषण, सुरक्षा, और सीखने व खेलने का समर्थन मिलता है, तो वे तरक्की करते हैं — और यही वह वादा है जिसे हमें निभाना है। एनीमिया को कम करने, बाल विवाह रोकने और बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्रित प्रयास बदलाव के सूत्रधार हैं।” उन्होंने आगे कहा, “इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के साथ अपनी साझेदारी के ज़रिये हम इस खेल के माध्यम से बच्चों, विशेष रूप से बालिकाओं, में आत्मविश्वास, लचीलापन और जीवन कौशल का विकास कर रहे हैं। युवाओं के लिए ऐसे सुरक्षित और समावेशी स्थान बनाना ज़रूरी है, जहां वे बढ़ सकें, नेतृत्व कर सकें और अपने भविष्य को आकार दे सकें, क्योंकि यही एक सशक्त और न्यायपूर्ण समाज की नींव है।”
शिवशेखर शुक्ला, अपर मुख्य सचिव (पर्यटन, गृह और संस्कृति), ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार की पहलों को रेखांकित किया और बाल अधिकारों को आगे बढ़ाने में राउंडटेबल के सामूहिक प्रयासों की सराहना की।
इंदौर संभाग के आयुक्त डॉ. सुदाम पंढरीनाथ खेडे ने लड़कियों के लिए समावेशी और समान वातावरण बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार मध्य प्रदेश के हर बच्चे , खासतौर पर लड़कियों को पोषण, सुरक्षा और अवसर सुनिश्चित कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हम चाहते हैं कि हमारी प्रमुख योजनाएं ज़मीन पर और अधिक असरदार साबित हों।”
डॉ. खेडे ने यूनिसेफ, ICC और राज्य के विभिन्न विभागों के बीच तालमेल की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसे साझे प्रयास सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने और बाल व किशोर कल्याण के लिए स्थानीय नेतृत्व को सक्रिय करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
राउंडटेबल में मौजूद क्रिकेट जगत की आइकन मिताली राज, ICC एम्बेसडर और भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान, ने खेल की ताकत पर जोर देते हुए कहा कि यह लड़कियों को प्रेरित और सशक्त बना सकता है।
उन्होंने अपने क्रिकेट करियर को याद करते हुए कहा, “जब हम लड़कियों के स्वास्थ्य और अवसरों में निवेश करते हैं, तो हम उन्हें बेझिझक सपने देखने का आत्मविश्वास देते हैं।” मिताली ने युवाओं से खुद पर विश्वास रखने और अपनी आवाज़ व प्रतिभा का उपयोग करके अपने समुदायों में बदलाव लाने की अपील की।
प्रेरणादायक आवाज़ों में एक थीं मध्य प्रदेश की गौरांशी शर्मा, जो यूनिसेफ इंडिया की यूथ एडवोकेट हैं। सुनने और बोलने में असमर्थ होने के बावजूद, उन्होंने ब्राज़ील में आयोजित 2021 डेफलंपिक्स में बैडमिंटन में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता।
सांकेतिक भाषा की मदद से उन्होंने कहा, “किसी लड़की की क्षमताओं का निर्धारण उसकी दिव्यांगता से नहीं होता।अगर सही सहयोग और समान अवसर मिलें, तो हर लड़की ऊँची उड़ान भर सकती है और देश का नाम रोशन कर सकती है।”
संवाद कार्यक्रम में मध्य प्रदेश में चल रही प्रमुख योजनाओं पर चर्चा हुई, जैसे एनीमिया मुक्त भारत, लाड़ली लक्ष्मी योजना और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ।
इन योजनाओं ने बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने, बाल विवाह को रोकने और स्वास्थ्य एवं लैंगिक समानता पर समुदायों को जागरूक करने में अहम भूमिका निभाई है।
वक्ताओं ने इस बात पर ज़ोर दिया कि स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा और पंचायती राज विभागों के बीच सहयोग लगातार बना रहना चाहिए ताकि बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हो और ग्राम पंचायत विकास योजनाओं (GPDPs) में बच्चों की आवाज़ शामिल हो सके।
कार्यक्रम का समापन एक इंटरएक्टिव सेशन के साथ हुआ, जिसमें सरकारी अधिकारियों, युवाओं और विकास भागीदारों ने मिलकर यह चर्चा की कि कैसे समुदाय आधारित पहलों के ज़रिए ‘सुपोषित और समर्थ मध्य प्रदेश’
Facebook Comments