केजरीवाल सरकार कर रही है रैन बसेरों की उपेक्षा, ठंड से ठिठुरने पर मजबूर हैं लोग
Date posted: 30 दिसंबर 2020
नई दिल्ली: दिल्ली के रैन-बसेरों की बदतर हालत पर चिंता जताते हुए दिल्ली भाजपा मीडिया प्रमुख नवीन कुमार ने कहा कि केजरीवाल सरकार की अव्यवस्था का अंधेरा इतना है कि रैन बसेरे खस्ताहाल हैं। उन्होंने कहा कि पूरी की पूरी केजरीवाल सरकार गायब है, रैन बसेरों की सुध लेने वाला कोई भी नहीं है।
नवीन कुमार ने कहा कि पिछले कई दिनों से दिल्ली में न केवल तापमान में तेजी से गिरावट आई है, बल्कि घना कोहरा है और ठंडी तेज हवा की वजह से ठिठुरन भी बढ़ गई है, लेकिन सर्द मौसम से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार की तैयारियां शून्य है। केजरीवाल सरकार रैन-बसेरों की अनदेखी कर रही है, जिसके कारण रैन-बसेरों में लोग नारकीय जीवन जी रहे हैं। रैन बसेरों में न तो गर्म विस्तार है, न ही साफ-सफाई, न बिजली-पानी की उचित व्यवस्था है, ऐसे में उनके भोजन की व्यवस्था क्या होगी इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। तापमान 3° तक गिर चुकी है और यह ऐसे ही बना रहा तो लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
नवीन कुमार ने कहा कि दिल्ली के लगभग 221 रैनबसेरों की क्षमता लगभग 17,000 है लेकिन यह बेघर आबादी के आधे लोगों को भी आश्रय देने के लिए पर्याप्त नहीं है। लेकिन इस दुविधा की ओर दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री या किसी भी मंत्री का ध्यान नहीं है सभी अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने में व्यस्त है।
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