प्रदेश में चालक और लोगों की लापरवाही से सड़क दुर्घटनाएं बढ़ी – स्वतंत्र देव सिंह

लखनऊ: दिनांक 18 दिसम्बर, 2018 परिवहन विभाग द्वारा आयोजित उत्तर प्रदेश सड़क सुरक्षा
कार्यशाला के प्रथम सत्र को सम्बोधित करते हुए परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि प्रदेश में चालक और लोगों की लापरवाही से सड़क दुघर्टनाएं बढ़ी हैं। सड़क दुर्घटना के लिए यातायात वाहनों और जनसंख्या में वृद्धि, सड़कों का अच्छी होना, वाहनों की तेज गति, सड़कों पर अतिक्रमण, यातायात नियमों का पालन न करना, चालकों की लापरवाही और उनकी अधूरी नींद, हमारा व्यवहार व प्रतिष्ठा तथा दूसरे से आगे निकलने की होड़ मुख्यतया जिम्मेदार है। वाहन मालिक को चालकों की चिन्ता करनी चाहिए। इसको रोकने के लिए समाज के सभी वर्गों का सहयोग जरूरी है। अब तो सड़क सुरक्षा जागरूकता रैली को गांव-गांव, गली-गली तक पहुंचाना होगा। सभी लोग यातायात नियमों का पालन करें, सरकार सड़क सुरक्षा सुविधाओं को बढ़ा रही है।
कार्यशाला में उपस्थित अपर मुख्य सचिव सूचना, सी.ई.ओ. यूपीडा श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि सड़क निर्माण के दौरान सड़क सुरक्षा उपायों, इसकी डिजाइन और इंजीयरिंग पर विशेष ध्यान दिया जाय और शुरूआत में ही सड़कों को चैड़ा करने के साथ-साथ अतिक्रमण मुक्त रखा जाय। प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग श्री नितिन रमेश गोकर्ण ने कहा कि सड़कों का रोड सेफ्टी आडिट किया जा रहा है। ब्लैक स्पाट को खत्म किया जा रहा है, जहां आवश्यक है, सड़कों में अण्डरपास व ओवरब्रिज भी बनाये जा रहे हैं।          प्रमुख सचिव परिवहन श्रीमती आराधना शुक्ला ने कहा कि दुनिया में 150 वर्षों के दौरान विज्ञान एवं तकनीकी अविष्कार में प्रगति हुई है। सड़क सुरक्षा पर भी नई तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। वाहनों की गति बहुत बढ़ गई है, जिससे दुर्घटनाओं में बढ़ोत्तरी हो रही है। इसे रोकने के लिए सड़क सुरक्षा के घटक विभाग लोक निर्माण, नगर विकास, पुलिस, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सूचना विभाग को मिलकर कार्ययोजना बनाकर कार्य करना होगा। उन्होंने बताया कि हमारे देश में 23 करोड़ वाहन पंजीकृत हैं, वहीं चीन में 30 करोड़ और अमेरिका में 26 करोड़ हंै, लेकिन विकसित देशों के सापेक्ष हमारे देश में सड़क सुरक्षा पर ज्यादा खर्च नहीं किया जाता।
           सड़क सुरक्षा कार्यशाला के प्रथम सत्र रोड इंजीनियरिंग में श्री के0 रवीन्द्र, डा0 आर0 श्रीनिवास, एच0एम0नकवी ने भी अपना-अपना प्रजेन्टेशन दिया। उन्होंने कहा कि भारत में सड़क दुर्घटना में उत्तर प्रदेश की मृत्युदर सर्वाधिक है, इसके बाद तमिलनाडु, महाराष्ट्र व कर्नाटक आते हैं। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक इंजीनियरिंग में यू0के0 ने रोड सेफ्टी आडिट को विकसित कर अपने यहां सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या में काफी कमी लाया है। 45 वर्ष के बाद चालक का नियमित चेक अप होना चाहिए। सड़क निर्माण के दौरान सुरक्षा मानको के सम्पूर्ण प्राविधान का पालन होना चाहिए।
कार्यशाल के चैथे सत्र (प्रवर्तन) को आबकारी एवं मद्य निषेध मंत्री श्री जय प्रताप सिंह ने सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में नैतिक मदिरा पान को छूट दी गयी है। शराब पीकर लोग सड़कों पर न निकलें, घरों में ही रहें। शराब पीकर लोग रात में गाड़ी न चलायें। नवयुवक मदिरा पान न करें। बारहवीं तक के स्कूलों में जनजागरूकता के माध्यम से इसे रोका जा सकता है। हम सभी की जिम्मेदारी है कि बच्चों में अच्छे संस्कार लाये जायं। कार्यशाला के इन्फोर्समेन्ट सत्र को प्रमुख सचिव समाज कल्याण श्री मनोज सिंह, सचिव गृह श्री भगवान स्वरूप, पुलिस महानिरीक्षक यातायात श्री दीपक रतन, राजस्थान की तान्या पचैरी, आसाम राज्य परिवहन के प्रबन्ध निदेशक आनन्द प्रकाश तिवारी ने भी सम्बोधित किया।
कार्यशाला के पांचवें सत्र वाहन सुरक्षा को परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री स्वतंत्र देव सिंह, प्रमुख सचिव परिवहन श्रीमती आराधना शुक्ला, परिवहन आयुक्त श्री पी.गुरू प्रसाद, टाटा मोटर्स के जनरल मैनेजर श्री शशि भूषण पाठक, इनटेल के श्री प्रशंन्ना आर0 बनवारा ने भी सम्बोधित किया।

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