आयोडिन की प्रचूर मात्रा में उपलब्धता बच्चों के पूर्ण विकास के लिए जरूरी

पटना: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में आयोडिन की कमी से होने वाली बीमारियों के प्रति विभाग संवदेनशील है। ऐसी बीमारियों की रोकथाम के लिए 21 से 28 अक्टूबर के मध्य राज्य के 14 जिलों में ग्लोबल आयोडिन अल्पता बचाव सप्ताह मनाया जाएगा। इस दिन स्वयंसेवी संस्थाओं की सहायता से आयोडिन युक्त नमक के सेवन से होने वाले रोगों से बचाव की जानकारी दी जाएगी और लोगों को आयोडिन युक्त नमक खाने के प्रति जागरूक भी किया जायेगा।
पांडेय ने कहा कि खाद्य पदार्थों में आयोडिन की प्रचूर मात्रा में उपलब्धता बच्चों के पूर्ण मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए अति महत्वपूर्ण है। इसकी कमी होने से शारीरिक विकास के प्रति अवरोध जैसी अनेक समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। गर्भावस्था में भी आयोडिन की कमी से गर्भपात जैसी समस्याएं हो सकती हैं। राष्ट्रीय आयोडिन अल्पता विकास नियंत्रण कार्यक्रम का मुख्य उदृश्य सभी आयु वर्ग के लोगों में आयोडिन की कमी से होनेवाल बीमारियों को दूर करना तथा आयोडिनयुक्त नमक के उपयोग के प्रति जागरुकता लाना है। इसलिए प्रत्येक 21 अक्टूबर को विश्व आयोडिन अल्पता बचाव दिवस मनाया जाता है।

पांडेय ने कहा कि आयोडिन युक्त नमक के उपयोग के लिए सामुदायिक स्तर पर जागरुकता के लिए आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं आशा कार्यकर्ताओं का एक संयुक्त कार्यशाला का आयोजन कर क्षमतावर्धन भी किया जाना है। जिन जिलों में जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, उनमें बेगूसराय, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, दरभंगा, गोपालगंज, कटिहार, मधेपुरा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, पटना, पूर्णिया, सहरसा, सारण और सीतामढ़ी के सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर शामिल हैं।

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