“बिहार कांग्रेस बिना संगठन के फ्रेंचाईजी मॉडल पर संचालित फर्जी कागजी पार्टी

पटना: बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने कांग्रेस को बिना संगठन के ओबीसी- ईबीसी विरोधी पार्टी करार देते हुए कहा है कि बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और चार कार्यकारी अध्यक्ष में से एक भी ओबीसी- ईबीसी समाज का नेता नहीं है। अशोक चौधरी के बाद से बिहार कांग्रेस की प्रदेश कमिटी पिछले दो साल से घोषित नहीं हुई है। यहाँ तक की पार्टी अध्यक्ष मदन मोहन झा ने अपने संगठन की कमिटी तो दूर आज तक पार्टी का आधिकारिक प्रवक्ता तक घोषित नहीं किया है। सभी अशोक चौधरी जी के बनाये हुए प्रवक्ता ही पार्टी के नाम पर आजतक जुगाली कर रहे हैं। जाहिर है कि बिहार में कांग्रेस एक फर्जी कागजी पार्टी बनकर रह गई है।

निखिल आनंद ने कहा कि हास्यास्पद है कि कांग्रेस को 38 जिले में 38 आदमी नहीं है लेकिन 80 सीटों पर चुनाव लड़ने बात करती है। वैसे भी बिहार कांग्रेस इनदिनों बॉरो प्लेयर के हाथों फ्रेंचाइजी मॉडल पर संचालित हो रही है जिसका काम हवाबाजी और प्रोपोगंडा करके पार्टी को खबरों में मजबूत बताकर उसकी न्यूज कटिंग आलाकमान को दिखाना है। इन दिनों बिहार कांग्रेस में सदानंद सिंह, रामदेव राय, अनिल शर्मा आदि सभी पुराने कांग्रेसियों की पार्टी में पूछ ही नहीं है और न ही उसके कोई राय पूछता है। जब भी ये पुराने कांग्रेसी बिना पूछे और माँगे जब कोई राय देते हैं तो फ्रेंचाईजी सिस्टम वाले लोग उनकी हँसी उड़ाते हैं।

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