निर्माण मजदूरों ने नोएडा श्रम कार्यालय पर धरना प्रदर्शन कर दिया ज्ञापन

नोएडा: देश के भवन निर्माण मजदूरों की लंबित मांगों/ समस्याओं के समाधान को लेकर भारत की निर्माण मजदूर फेडरेशन (सी डब्लू एफ आई) ने 02 व 03 दिसंबर 2021 को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था! उक्त आह्वान के तहत भवन निर्माण मजदूर यूनियन गौतम बुध नगर “सीटू” ने 03 दिसंबर 2021 को दोपहर 12:00 बजे उप श्रम आयुक्त गौतम बुध नगर कार्यालय सेक्टर- 3, नोएडा पर धरना प्रदर्शन कर उप श्रम आयुक्त के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार एवं मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को संबोधित ज्ञापन दिया।

 धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सीटू जिलाध्यक्ष गंगेश्वर दत्त  शर्मा ने ने कहा कि ना तो सही से मजदूरों का पंजीकरण हो रहा है और ना ही योजनाओं के उन्हें लाभ दिया जा रहे हैं, तमाम कागजात बार-बार पूरे करने के बावजूद भी इन आवेदनों पर आपत्ति लगाई जा रही है। एक तरफ लाभ से वंचित किया जा रहा है दूसरी तरफ कमर तोड़ महंगाई ने निर्माण मजदूर-कारीगरों व आम जनता का जीना दूभर कर दिया है। उन्होंने बताया कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने मजदूरों के हक के लिए बने 44 श्रम कानूनों को खत्म करके चार लेबर कोड में बदल दिया है, जिनसे मजदूरों को पूंजीपतियों का गुलाम बनाने का रास्ता खोल दिया है।
इन कोडों में ना तो न्यूनतम वेतन का प्रावधान है और ना ही काम की समय सीमा तय की गई है। यदि ये श्रम कोड लागू होते हैं तो मजदूर थोड़े से थोड़े वेतन में दिन-रात पूंजीपतियों के यहां काम करेंगे। उन्होंने आगे बताया कि प्रदेश में निर्माण कल्याण बोर्ड में आज सही तरीके से  पंजीकरण नहीं हो रहा है। लाखो मजदूर-कारीगरों को बोर्ड के लाभ से वंचित पहले ही हैं ऊपर से बीजेपी- सरकार ने सेंट्रल प्रोसेसिंग सिस्टम (सीपीएस) के माध्यम से निर्माण मजदूरों को मिलने वाली सहायता राशि से भी वंचित कर दिया है और यह ढोंग किया जा रहा है कि सीपीएस से भ्रष्टाचार खत्म हो गया लेकिन सच्चाई इससे कोसों दूर है। प्रदेश के निर्माण कल्याण बोर्ड में जमा करोड़ों करोड़ रुपए जमा है जिन पर बीजेपी- सरकार  कुंडली मारकर बैठ गई है और इस पैसे को निर्माण मजदूरों पर खर्च करने की बजाय इसे खुर्द-बुर्द करना चाहती है।
इसलिए भवन निर्माण मजदूर  यूनियन ने फैसला किया है कि बीजेपी- सरकार के मजदूर विरोधी अजेंडे को जनता के बीच में ले जाया जाएगा।
निर्माण मजदूरों के प्रमुख मुद्दे जिन्हें हड़ताल के माध्यम से रेखांकित किया गया  ■निर्माण मज़दूरों के 1996 के कानून को खत्म करना नहीं चलेगा। चारों  मजदूर  विरोधी  लेबर  कोड  रद्द करो। ■निर्माण प्रोजेक्टों में मालिकों से सेस मुस्तैदी से जमा करवाओ। ■ निर्माण  मजदूर  के  पंजीकरण व नवीनीकरण  को  30  दिनों में कर सरल किया  जाए। वेरिफिकेशन जल्द शुरू  किया जाए। ■बाजार में साईबर  कैफे व अन्य संस्थाओं द्वारा  पंजीकरण की राशि तय की  जाए, मजदूरों  को बाजार  की  लूट से बचाया जाए! ■सभी  हित-लाभ के आवेदन को  समयबद्ध  तरीके से अविलम्ब  निपटान किया जाए। भविष्य में  30 दिनों में हित लाभ के  आवेदन का निपटान किया जाए। ■ट्रैड  यूनियनों  के अधिकारों  पर  हमला  नहीं  चलेगा। उनको  दरकिनार करना नहीं चलेगा। ■गैर- निर्माण क्षेत्र के मजदूरों के  पंजीकरण को रोकने के लिए  आवश्यक कदम उठाए जाएं। ■ पुराने जमा फार्म का जिला स्तर  पर त्रिपक्षीय कमेटी गठन कर  सोशल ऑडिट किया जाए।
 धरना प्रदर्शन को सीटू नेता पूनम देवी, गंगेश्वर दत्त शर्मा, राम सागर, भरत डेंजर, रंजीत तिवारी, गुड़िया, रेखा चौहान, भवन निर्माण मजदूर यूनियन की नेता इशरत जहां, पिंकी, सरस्वती आदि ने संबोधित किया।

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