एइएस की रोकथाम के लिए निरंतर निगरानी, प्रभावित जिलों में उपकरण एवं दवाइयां उपलब्धः मंगल पाण्डेय

पटना:  स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि मुजफ्फरपुर एवं अन्य जिलों में एइएस के प्रकोप की रोकथाम के लिए समुचित उपचार एवं व्यवस्था की निरंतर निगरानी एवं दैनिक रूप से अनुश्रवण किया जा रहा है। श्री पांडेय ने कहा कि गर्मी के मौसम मंे गर्मी तथा उमस के बढ़ने के साथ तिरहुत एवं सारण प्रमंडल के बच्चों में होने वाले एइएस वस्तुतः लक्षण के आधार पर प्रतिवेदित होते हैं। इसमें बीमारियों के ऐसे समूह को रखा जाता है, जिसमें हाइपोग्लाइसीमिया, डिहाइड्रेसन एवं डिसएक्ट्रोलाइटिमिया भी समाहित हैं।
पांडेय ने कहा कि इसके बचाव एवं उपचार के संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा सभी जिलों को नियमित रूप से तथा मार्च से ही दिषा-निर्देश जारी किया गया है। 12 जिलों के 222 पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) पर इस बीमारी के उपचार हेतु राज्य द्वारा 2013 में तैयार किए गए तथा 2018 में संशोधित मानक संचालन प्रक्रिया के अंतर्गत सभी आवश्यक उपकरण एवं दवाइयों की व्यवस्था कर ली गई थी। साथ ही 445 पीएचसी पर चिकित्सकों को प्रशिक्षित भी किया गया, जिससे प्रारंभिक लक्षणों का इलाज पीएचसी पर ही हो जाय। तत्पश्चात ही मरीजों को सदर अस्पताल या मेडिकल काॅलेज में रेफर किया जाय।

इसके अतिकरक्त आयुष डाक्टरों को भी प्रशिक्षित किया गया है। साथ ही मुजफ्फरपुर जिले मंे आम जनता के बीच जागरूकता के लिए 2017 में, 2018 में एवं 2019 में बड़ी संख्या में पंपलेट भी वितरित किए गए। वर्तमान में समाचार पत्रों में विज्ञापन के माध्यम से एवं रेडियो एवं सोशल साइट्स यथा फेसबुक और ट्वीटर पर तथा प्रभावित क्षेत्रों में माइकिंग के माध्यम से एइएस के बचाव हेतु सामान्य उपाय एवं जानकारी जनता को उपलब्ध कराई जा रही है।

श्री पांडेय ने कहा कि  उपचार हेतु एसकेएमसीएच में अवस्थित पीकू वार्ड में उपलब्ध 34 बेड की संख्या को बढ़ाकर 50 किए जाने का निर्देश दिया गया है। मानव बल के रूप में एक प्रोफेसर, तीन एसोसिएट्स प्रोफेसर, चार सहायक पोफेसर, 9 सिनियर एवं 15 जूनियर रेसिडेंट कार्यरत हैं। वहीं केंद्रीय दल की अनुशंसा पर पटना एम्स से भेजे गए 2 शिशु विशेषज्ञ डा. लोकेश तिवारी एवं रामानुज शर्मा तथा 6 ट्रेंड जीएनएम भी कार्यरत हैं।

मरीजों के सुगम आवागमन के लिए 9 एुंबलेंस  कार्यरत हैं। मरीजों की संख्या को देखते हुए मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल में मरीजों की भीड़ को कम करने हेतु सदर अस्पताल मुजफ्फरपुर में 8 बेड और केजरीवाल अस्पताल में 42 बेड की व्यवस्था है। वर्तमान में यह बीमारी तिरहुत प्रमंडल में ही केंद्रीत है। एनएमसीएच में आज स्वास्थ्य मंत्री नेे भ्रमण के क्रम में अतिरिक्त 10 डेडिकेटेड बेड तैयार रखने हेतु अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिया है।

श्री पांडेय ने कहा कि 12 जिलों के 222 पीएचसी पर ग्लूकोज जांचने की मशीन, थर्मोमीटर, एनिमासेट, आॅक्सीजन, एम्बु बैग, कैथेटर, ऐयरवे, म्यूकससकर, रबड़ फिडींग ट्यूब, सिरिंज, पारासिटामाॅल, ओआरएस, मैनीटौल, नार्मल सलाइन, रिंगर लैक्टेट इत्यादि आवश्यक उपकरण एवं दवाईयां उपलब्ध है। साथ ही उन्होने कहा कि आज दिनांक 15 जून के पुर्वा0 11ः30 तक एसकेएमसीएच में 197 मरीज भर्ती हुए जिसमें 58 मरीज की मृत्यु हो चूकी है। केजरीवाल शिशु अस्पताल में 69 मरीज भर्ती हुए जिसमें 11 बच्चे की मृत्यु हुई है। इन दो अस्पतालों से आज तक लगभग 150 बच्चों को इलाज करवा वापस घर भेजा गया है। श्री पांडेय ने कहा कि कल शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्द्धन प्रातः 8 बजे पटना आ रहे हैं। एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर में बीमार बच्चों से जाकर मिलेंगे। साथ ही चिकित्सकों सहित राज्य एवं केंद्र की अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक करेंगे। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी साथ रहेंगे।

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