उत्तर प्रदेश में नियंत्रित हुआ कोरोना संक्रमण का प्रसार

कोविड-19 महामारी से किसी एक प्रांत या देश ही नहीं अपितु पूरे विश्व समुदाय की सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई इसमें किसी देश के सामने इसके इलाज व संक्रमण के प्रसार को रोककर अपने जन समुदाय को इससे सुरक्षा प्रदान करना एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरी। ऐसे में देश के सबसे अधिक 23 करोड़ जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश के लिए इसके संक्रमण के प्रसार को रोकना और भी बड़ी चुनौती के रूप में देखा जाने लगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश ने कोरोना के संक्रमण को रोकने एवं प्रदेश वासियों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पूरे मनोयोग के साथ प्रयास किया। जिसका परिणाम हुआ कि इसके प्रसार को रोकने तथा संक्रमण की श्रृंखता को तोड़ने में काफी हद तक प्रदेश को सफलता भी मिली।
प्रदेश सरकार ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ इसकी जांच एवं संक्रमित व्यक्तियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग पर जोर दिया। माह मार्च में उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस की जांच हेतु मात्र केजीएमयू, लखनऊ में एक माइक्रोबायोलॉजी लैब थी जहां शुरुआत में मात्र 72 टेस्ट होते थे। प्रदेश सरकार के प्रति दिन किए गए अथक प्रयास के पश्चात यह संख्या मई माह तक दो लाख, जून माह में सात लाख, जुलाई में तीन लाख के आंकड़े को पार करते हुए माह सितंबर में 01 करोड़ व अक्टूबर मध्य तक सवा करोड़ से अधिक की जांच की गई। इतनी बड़ी संख्या में जांच देश के किसी अन्य राज्य द्वारा की गई जांच की तुलना में सबसे अधिक है।

उत्तर प्रदेश में वर्तमान में सरकारी क्षेत्र में 256 लैब तथा निजी क्षेत्र की 118 लैब कुल 374 लैब कोरोना जांच हेतु उपलब्ध है। इनमें आर.टी.पी.सी.आर., ट्रूनेट मशीन, एवं रैपिड एंटीजन टेस्ट द्वारा 1.70 लाख से अधिक जांच प्रतिदिन की जा रही है जो किसी भी अन्य राज्य द्वारा प्रतिदिन किए जा रहे जांच में सर्वाधिक है। चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत राज्य के 36 मेडिकल कॉलेजों/यूनिवर्सिटी/ संस्थान तथा केंद्रीय संस्थानों में आर.टी.पी.सी.आर. लैब की सुविधा उपलब्ध है। कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप तथा उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनसंख्या की दृष्टिगत  प्रदेश में अधिक जांचों की आवश्यकता को पूर्ण करने हेतु प्रदेश सरकार द्वारा राजकीय क्षेत्र में 10 नवीन बीएसएल-2 लैब राजकीय मेडिकल कॉलेज जालौन, आजमगढ़, अंबेडकर नगर, सहारनपुर, बस्ती, बहराइच, फिरोजाबाद, अयोध्या, बांदा तथा बदायूं में स्थापित की गई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधीन भी आठ जिला चिकित्सालयों में आरटीपीसीआर लैब स्थापित की गई। इस प्रकार प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में 44 आरटीपीसीआर लैब वर्तमान में क्रियाशील हैं।

मुख्यमंत्री के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्रदेश चिकित्सा शिक्षा तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास, कर्तव्य परायणता एवं जिम्मेदारियों का उत्तरदायित्व पूर्ण निर्वहन से आमजन को सुरक्षा प्रदान करने में सफल हुआ है। प्रदेश में वर्तमान में प्रतिदिन उपचारित लोगों की संख्या संक्रमित लोगों की संख्या से अधिक हो गई है। प्रदेश में रिकवरी दर का प्रतिशत भी बढ़कर 90.69 प्रतिशत हो गई है। प्रदेश सरकार द्वारा इतनी बड़ी जनसंख्या वाले प्रदेश में कोरोना संक्रमण के प्रसार के नियंत्रण हेतु किए गए प्रयास एवं मिली सफलता की प्रशंसा पूरे देश में की जा रही है।

जयेंद्र सिंह

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