इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की तरह काम कर रही है दिल्ली सरकार: आदेश गुप्ता

नई दिल्ली: दिल्ली के लोग पहले से ही कोरोना महामारी से त्रस्त थे लेकिन दिल्ली सरकार की नाकामियों के कारण दिल्लीवासी बढ़ते प्रदूषण से भी जूझ रहे हैं। आज दिल्ली हाईकोर्ट ने भी दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है और ‘भयानक’ स्थिति से निपटने की रणनीति या नीति पर सवाल किए। दिल्ली सरकार सभी मानदंडों में ढील दे रही है और सतर्कता को ताक पर रख दिया गया है।

इसपर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार को कोर्ट की तरफ से फटकार लगी, इससे पहले भी दो बार सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को एंटी स्मॉग टावर नहीं लगाने के लिए फटकार लगाई थी, लेकिन फिर भी दिल्ली सरकार ने न तो एंटी स्मॉग टावर लगवाएं, न तो इलेक्ट्रिक बसें खरीदी, न ही दो करोड़ पेड़ में से दो पेड़ भी लगाए और ग्रीन बजट के 26 वादों को पूरा किया हो।
आदेश गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनों होर्डिंग लगाने और प्रेस कांफ्रेंस करने में कुछ ज्यादा ही व्यस्त हैं इसलिए उन्हें अभी तक दिल्ली की आबो हवा के बारे में कुछ खास पता नहीं है तभी तो वायु की गुणवत्ता गंभीर स्थिति में पहुंचने के बाद भी केजरीवाल निश्चिंत होकर बैठे हैं। दिल्ली की हवा की गुणवत्ता सुधरने की बजाय हर रोज बिगड़ती ही जा रही है। सुबह-सुबह दिल्लीवालों को वायु प्रदूषण की वजह से सांस लेने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि दिल्ली की हवा अत्यधिक जहरीली हो रही है। कोरोना के मामलों में हो रही बढ़ोतरी और अब सांस संबंधी बीमारियों में बढ़ोतरी चिंता का विषय है और इससे भी अधिक चिंता का विषय यह है कि इन समस्याओं से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने कोई भी तैयारी नहीं की है।
दिल्ली सरकार को घेरते हुए कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल को ए.सी. कमरे से बाहर निकल कर दिल्ली की आबोहवा का भी अनुभव करना चाहिए तभी उन्हें ज्ञात होगा कि दिल्लीवाले कोरोना और प्रदूषण की दोहरी मार को झेल रहे हैं। दिल्ली सरकार का 60000 करोड़ रुपए का बजट है, लेकिन दिल्लीवासियों को सुरक्षित रखने के लिए खर्च करने की बजाय दिल्ली सरकार ने बजट के पैसों को प्रचार-प्रसार के लिए खर्च किया। जमीन पर शायद ही कभी मुख्यमंत्री केजरीवाल कदम रखते हैं इसलिए उन्हें दिल्लीवासियों की असल समस्या का पता नहीं होता है।
उन्होंने कहा कि यह बेहद दुखद है कि आज दिल्ली की पहचान विश्व के सबसे अधिक प्रदूषित शहर के रूप में उभर कर आई है। आज जब दिल्ली सरकार सख्ती से प्रदूषण पर काबू करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू करने की जरूरत है उस वक्त दिल्ली सरकार एक इवेन्ट मैनेजमेंट कंपनी की तरह काम कर रही है और दिल्ली के चैराहों पर लोगों को खड़ा कर तमाशा कर रही है। इस तमाशे से दिल्ली का प्रदूषण तो कम नहीं हो रहा है पर थोड़े से भत्ते के लालच में उन लोगों पर प्रदूषण का बुरा असर जरूर पड़ रहा है। दिल्ली में प्रदूषण सामान्य से 24 गुना अधिक हो गया है।
आदेश गुप्ता ने मांग की कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर काबू करने के लिए दिल्ली सरकार ग्रीन बजट के तहत किए गए वादों को पूरा करें और तुरंत नवगठित पर्यावरण कमीशन के साथ तालमेल से काम प्रारंभ करें। आवश्यकता अनुसार कृत्रिम वर्षा के सुझाव पर भी विचार करें।

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