माफी मांगे दिल्ली सरकार अन्यथा कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहें: आदेश

नई दिल्ली:  दिल्ली भाजपा ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम को बदनाम करने के लिए संपत्ति कर के गबन का झूठा आरोप लगाने के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल और आप नेता दुर्गेश पाठक को लीगल नोटिस भेजा है। विस्तार से इसकी जानकारी देते हुए भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित किया। इस अवसर पर प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार और प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर उपस्थित थे।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी नेता के अनुसार उत्तरी दिल्ली नगर निगम में 21 लाख से भी ज्यादा संपत्ति करदाता है जिनके कर का करोड़ों रुपए नगर निगम गबन कर रही है। जबकि उत्तरी दिल्ली नगर निगम में इतनी संपत्ति करदाता भी नहीं है, अगर उन्हें लगता है तो वह उत्तरी दिल्ली नगर निगम पर लगाए आरोपों को साबित करके दिखाएं। 7 दिनों के अंदर मुख्यमंत्री केजरीवाल और आम आदमी पार्टी नेता ने माफी नहीं मांगी तो हम कानूनी कार्रवाई करेंगे। पिछले 6 वर्षों में दिल्ली सरकार का बजट कुल मिलाकर 3 लाख 50 हजार करोड़ रुपए का है, आखिर यह पैसे कहां खर्च हुए? बस अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए दिल्ली सरकार ने बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगवाए। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार पर 13500 करोड़ रुपए से अधिक की राशि नगर निगम को देय है जिसका विवरण पत्र मनीष सिसोदिया को तीनों निगम की महापौर ने भेज दिया है।
झूठ की राजनीति करने वाली आम आदमी पार्टी सरकार को झूठ बोलने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने लीगल नोटिस भी भेजा है। उन्होंने कहा कि कई बार कहने के बाद भी दिल्ली सरकार ने निगमों के तीसरे, चैथे और  पांचवे डीएफसी का पैसा नहीं दिया। हाई कोर्ट से फटकार मिलने के बाद दिल्ली सरकार ने 24 फरवरी 2020 को मीटिंग बुलाई, लेकिन फिर भी पैसा नहीं दिया। जिसके कारण आज निगम के कर्मचारी वेतन से वंचित है बावजूद इसके दिल्ली सरकार संवेदनहीन बनी बैठी है।
आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार नगर निगम पर दिल्ली जल बोर्ड के बकाए का बेबुनियाद आरोप लगा रही है जबकि दिल्ली सरकार का लेआउट प्लान नगर निगम पास करती है लेकिन उसकी फीस भी दिल्ली सरकार ने आज तक नहीं दिया। जब से दिल्ली भाजपा ने निगम के बकाए का मुद्दा उठाया है दिल्ली सरकार बौखला गई है। इसलिए निगम के होर्डिंग्स लगाने वाले को जीएसटी का नोटिस भेज रही है जिससे व्यापारियों में दहशत है। वहीं दिल्ली सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड को जो पहले से 100 करोड़ रुपए प्रति माह के घाटे में चल रहा है उसे 40 हजार करोड़ रुपए का ऋण दिया, जो भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।
आदेश गुप्ता ने बताया कि दिल्ली जल बोर्ड ने जानबूझकर नगर निगम के अंतर्गत आने वाले स्कूल और हॉस्पिटल से कमर्शियल चार्ज लगाकर पानी का बिल वसूल रही है। नगर निगम के अस्पताल और स्कूलों से कोई कमाई नहीं होती बल्कि वह जनकल्याण का काम करता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने 2018 में ग्रीन बजट की घोषणा की जिसमें उन्होंने 26 प्रमुख वादे किए। ग्रीन बजट के तहत प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने स्मॉग टावर, ई-बस, वाटर एंड सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का वादा किया था लेकिन वादा पूरा नहीं किया गया जिसका खामियाजा दिल्ली के लोगों को भुगतना पड़ रहा है और लोग बीमार हो रहे हैं। अगर दिल्ली सरकार वास्तव में दिल्ली के लोगों के लिए चिंतित होती तो आज एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 के पार नहीं जाता।
दिल्ली सरकार ने वादा किया था कि दिल्ली में बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर रियल टाइम सोर्स अपॉइंटमेंट स्टडी करेंगे, ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन को रोकने के लिए शहर में पहली इंवेंट्री बनेगी, दिल्ली में ग्रीन कवरेज की बढ़ाया जाएगा, दिल्ली से सभी कीकर के पेड़ हटा दिए जाएंगे, 1000 इंडोर डिसप्ले पैनल सरकारी बिल्डिंग के भीतर लगाए जाएंगे जो दिल्ली के वायु प्रदूषण स्तर की जानकारी देता रहेगा, दिल्ली में अंतिम मील कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए 905 इलेक्ट्रिक फीडर वाहनों को चलाया जाएगा, 1000 एमडब्ल्यू के ग्रीन पावर खरीदे जाएंगे, ग्रुप नेट मीटरिंग पॉलिसी लाई जाएगी जिसमें सरकारी स्कूल, मंडियों आदि में सौर ऊर्जा जेनरेशन का इस्तेमाल हो सकेगा लेकिन इनमें से कोई भी काम दिल्ली सरकार ने नहीं किया। उन्होंने कहा कि निगमों का फंड रोककर निगम कर्मचारियों को प्रताड़ित करना बंद करें केजरीवाल सरकार और जल्द से जल्द निगम का बकाया फंड जारी करें।

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