केजरीवाल सरकार के खिलाफ EDMC ने फंड जारी न करने को लेकर निकाला मार्च

नई दिल्ली:  भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री हर्ष मल्होत्रा ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली नगर निगम का पैसा देना नहीं चाहते। वे निगम के पैसों को रोककर लगातार इस बात की कोशिश कर रहे हैं कि कैसे भी करके निगम को वित्तीय रुप से पंगु बनाया जाए। उन्होंने कहा कि निगम को बदनाम करने के लिए केजरीवाल सरकार ने वे सभी हथकंडे अपना रही है जो उसके वश में जैसे निगमों के बजट को रोकना ताकि किसी भी कर्मचारी को वेतन न मिल सके और कर्मचारी काम पर न आए।

पिछले तीन महिनों से कर्मचारियों के वेतन न मिलने से त्रस्त होकर आज पूर्वी दिल्ली नगर निगम के महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल सहित भाजपा निगम पार्षद, सभी कर्मचारी एवं अन्य प्रदेश पदाधिकारियों ने केजरीवाल सरकार द्वारा निगम के फंड जारी न करने के खिलाफ निर्माण विहार मेट्रो स्टेशन से लेकर सचिवालय ITO तक शान्तीपूर्ण मार्च निकाला। आज हुए शांतीपूर्ण मार्च में प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा, प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल, स्थायी समिति अध्यक्ष बीर सिंह पवार एवं नेता सदन सत्यपाल सिंह भी मौजूद थे।

हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम के 6300 करोड़ से ज्यादा रुपये को राजनीतिवश रोके हुए हैं। इस वजह से पिछले तीन महिनों से किसी भी निगम कर्मचारी को वेतन नहीं मिल रहा है और कर्मचारियों में रोष की भावना है। कानूनी हक का पैसा तक देने से केजरीवाल सरकार का इंकार करना उनकी ओछी राजनीति का उदाहरण है।

पूर्वी दिल्ली के महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल ने कहा कि सत्ता में आने से पहले आम आदमी पार्टी कहती थी कि आम जन के लिए सरकार बनाएंगे लेकिन आज करीब 80 लाख लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले निगम नेताओं को भी वे मिलने का समय नहीं दे रहे हैं। दिल्ली की जनता को छोड़ दूसरे राज्यों में राजनीति प्रचार में व्यस्त केजरीवाल के पास ज्ञापन लेने तक का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि पूर्वीं दिल्ली नगर निगम के सफाईकर्मी, डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, शिक्षक और अन्य कर्मचारी बिना वेतन के परेशान हैं और दिल्ली सरकार निगम को फंड जारी नहीं कर रही है।

प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल ने कहा कि दिल्ली के करदाताओं के पैसे से अरविंद केजरीवाल दूसरे राज्यों में चुनावी प्रचार कर रहे हैं। दूसरे राज्यों में जाकर झूठे घोषणाएं करना, लोगों को बहलाने का काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें दिल्ली की जनता की कोई फिक्र नहीं है। 2015 में अपने गठन के समय से ही केजरीवाल सरकार निगमों के प्रति राजनीतिक द्वेष बनाये हुए है और निगमों को आर्थिक रूप से पंगु करने में जुटी है। पिछले 7 सालों में दिल्ली सरकार का बजट जहां 37450 करोड़ रुपये से बढ़कर 69000 करोड़़ रुपये हो गया, वही निगमों के पिछले वर्ष के 6828 करोड़ रुपये के प्रावधान की भी इस बार कम कर 6172 करोड़ रुपये कर दिया गया।

इस मौके पर भाजपा निगम पार्षद  प्रवेश शर्मा, हिमांशी पांडेय, रमेश गुप्ता, कंचन महेश्वरी, दीपक मल्होत्रा, सचिन शर्मा,  अपर्णा गोयल, गुंजन गुप्ता, गोविन्द अग्रवाल, संतोष पाल, नीतु त्रिपाठी, बबीता खन्ना सहित सभी निगम पार्षद एवं पदाधिकारी मौजूद थे।

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