दोषियों को तुरंत मिले सजा और पीड़ितों को मिले मुआवजा: भाजपा

नई दिल्ली:  प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार के जो ‘प्रचारित वर्ल्ड क्लास’ मोहल्ला क्लीनिक है, उसकी सच्चाई आज सब के सामने आ चुकी है। मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर द्वारा दी गई गलत दवाइयों की वजह से 16 मासूम बीमार हो गए जिनमें से 3 बच्चों की मृत्यु हो गई। श्री गुप्ता ने अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि हम 48 घंटें का समय देते हैं अगर इस मामले की जांच कर अरविंद केजरीवाल कोई कार्रवाई नहीं करते और जिन बच्चों की मृत्यु हैं, उनके परिजनों को मुआवजा नहीं देते तो प्रदेश भाजपा केजरीवाल सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन करेगी।

एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आदेश गुप्ता ने मासूम बच्चों की मृत्यु पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था की हकीकत पूरी दिल्ली जान चुकी है। जिस मोहल्ला क्लीनिक का प्रचार देश में ही नहीं बल्की विदेशों में भी केजरीवाल करते हैं, वह सिर्फ उनके प्रचार का अड्डा बना हुआ है। जबकि उन क्लीनिकों में पोस्टर नहीं स्वास्थ व्यवस्था की जरुरत है। उन्होंने कहा कि इन मोहल्ला क्लीनिकों में अयोग्य डॉक्टर, एक्सपायरी दवाईयां एवं मूलभूत सुविधाओं की भी कमी है और यही कारण है कि आज यह दुखद घटना घटी है। प्रेसवार्ता में प्रदेश भाजपा मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल, प्रदेश भाजपा चिकित्सक सेल के सह-प्रभारी डॉ. अनिल गोयल एवं संयोजक डॉ. हरीश गुप्ता उपस्थित थे।

श्री गुप्ता ने कहा कि डेक्स्ट्रोमेथोर्फन दवाई के प्रयोग करने से जिन मासूमों की जान गई हैं, वह दवा चार साल से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जाती है। इसका गलत तरीके से प्रयोग हो, या ओवर डोज हो या फिर गलत तरीके से डोज दिया जाए तो मस्तिष्क को नुकसान, सीवियर एलर्जी, सांस की गति रूकना, दौरे आना या फिर मृत्यु भी हो सकती है। उन्होंने मोहल्ला के डॉक्टरों के ऊपर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इन डॉक्टरों की भर्ती किस आधार पर होती है, कैसे लोग भर्ती होते हैं, किसी को नहीं पता। वहां डॉक्टर हैं या नहीं, इसमें भी संदेह है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पिछले सात सालों में 57 हज़ार करोड़ रुपये सिर्फ स्वास्थ व्यवस्था पर खर्च करने वाली केजरीवाल सरकार ने मोहल्ला क्लीनिक पर शुरुआती दौर में ही 1500 करोड़ रुपये खर्च किये लेकिन आज उसकी हालात बिल्कुल जर्जर हो चुकी है। अगर इन पैसों का प्रयोग दिल्ली के अस्पतालों के विकास पर लगाया गया होता तो आज प्रदेश की तस्वीर ही कुछ अलग होती। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज (DGHS) ने 7 दिसंबर को लिखे एक पत्र के माध्यम से दिल्ली सरकार के डीजीएचएस को निर्देश दिया है कि वह सभी मोहल्ला क्लीनिक और डिस्पेंसरी को नोटिस जारी कर बताए कि चार साल से कम उम्र के बच्चों के लिए डिस्ट्रोमेथोर्फन सिरप प्रिसक्राइब नहीं करें। आज दिल्ली के हर विभाग में सिर्फ भ्रष्टाचार और घोटाला हो रहा है। दिल्ली के कर दाताओं के पैसों का दुरुपयोग किया जा रहा है जिसका जवाब सरकार को देना पड़ेगा।

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