आम आदमी पार्टी की सरकार गैर-जिम्मेदार और जनता के प्रति जवाबदेह नहीं है: मनोज तिवारी

नई दिल्ली: दिल्ली के दिलशाद गार्डन के संस्कार आश्रम फॉर गर्ल्स  से नौ लड़कियों के गायब होने का एक मामला सामने आया है जिस पर प्रतिक्रिया देते हुये दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि दिलशाद गार्डन के संस्कार आश्रम से नौ लड़कियों का अचानक गायब होना दिल्ली सरकार की महिलाओं की सुरक्षा के प्रति किये गए तमाम दावों की पोल खोलता है और दिल्ली सरकार की बड़ी लापरवाही की ओर इशारा करता है। संस्कार आश्रम दिल्ली सरकार के महिला एंव बाल विकास विभाग की गैर वैधानिक संस्था है जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी दिल्ली सरकार के पास है। दिल्ली जो की देश की राजधानी है वहां बच्चियों का गायब होना अत्यन्त शर्मनाक है।

श्री तिवारी ने कहा कि यह पूरा मामला एक दिसंबर की रात का है। आश्रम के अधिकारियों को बच्चियों के गायब होने की जानकारी तक नहीं लगी यह बड़े आश्चर्य की बात है और अगले दिन दो दिसंबर की सुबह इस बारे में पता चला। यह पूरा प्रकरण एक नजर में ही संदेह उत्पन्न करता है कि बिना अधिकारियों व बड़े राजनैतिक स्तर की मिली-भगत के इस घटना को अन्जाम देना मुश्किल है और जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इस पूरे मामले में दिल्ली महिला आयोग और उप मुख्यमंत्री अधिकारियों को निलंबित कर अपनी जिम्मेदारी से बचने का प्रयास कर रहे है जो कि दिल्ली सरकार की संवेदनहीनता को साफ दिखाता है। महिला सुरक्षा को लेकर दिल्ली सरकार ने सिर्फ दावें किये काम नहीं किये जिसका परिणाम यह घटना है। इन नौ लड़कियों को बाल कल्याण समिति-7 के आदेश पर 4 मई 2018 को द्वारका के एक शेल्टर होम से संस्कार आश्रम फॉर गर्ल्स में लाया गया था। ये सभी मानव तस्करी और देह व्यापार की शिकार थीं।
श्री तिवारी ने कहा कि फरवरी, 2017 में भी दिल्ली सरकार के आशा किरण होम में अनियमतिताओं के कारण 11 बच्चों की मौत हो गई। लेकिन विडंबना यह है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई आज भी सवालों के घेरे में है। आशा ज्योति होम में मानसिक और शारिरिक तौर पर पीड़ित 59 महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटना भी समाने आई जिसकी जितनी भी निन्दा की जाये वह कम है। केजरीवाल सरकार ने भी 550 की क्षमता वाले इस आशा किरण में करीब 1100 मानसिक रूप से कमजोर लोगों को रखा जिसकी वजह से अव्यवस्था उत्पन्न हुई लेकिन तब हुई घटनाओं से आज तक इन गैर वैधानिक संस्थाओं में हो रही असमाजिक गतिविधियों पर लगाम लगाने में दिल्ली सरकार विफल हुई है।
श्री तिवारी ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार गैर-जिम्मेदार और जनता के प्रति जवाबदेह नहीं है और ऐसी सरकार सत्ता में रह कर जनता के हितों की रक्षा नहीं कर सकती है। दिल्ली के आश्रय गृह से 9 बच्चियों का गायब हो गई जिसकी जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है जो कि अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल साबित हुई है। केवल अधिकारियों पर दोषारोपण करने से काम नहीं चलेगा जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है जिसके मुखिया केजरीवाल है जनता ने उनको प्रचण्ड बहुमत दिया लेकिन जनता को बदले में केवल खोखले वायदे मिले। दिल्ली सरकार जल्द से जल्द बच्चियों को ढूढंने का कार्य करे और दोषीयों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करें।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इससे पहले भी आयोग में बाल कल्याण समिति-5 की पूर्व सदस्य ने संस्कार आश्रम फॉर गर्ल्स दिलशाद गार्डन में व्याप्त अव्यवस्थाओं के बारे में एक शिकायत दर्ज कराई थी उन्होने बताया कि एक लड़की के साथ आश्रम के अधिकारियों ने दुर्व्यवहार किया था। इसमें कहा गया कि बच्ची के साथ गलत बर्ताव होता था। उसे मारा-पीटा जाता था। उन्होंने होम के अधीक्षक के खिलाफ बच्ची को मारने के मामले में एक लिखित शिकायत की थी। दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग को नोटिस जारी किया था और मामले में जुवेनाइल जस्टिस रूल्स, 2016 के नियम 54(2) के तहत एफआईआर दर्ज न होने का कारण बताने को कहा था लेकिन केजरीवाल सरकार के ढूल-मूल रवैया के कारण कार्यवाही नहीं की गई थी लेकिन दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल अब घड़ियाली आंसू बहा रही हैं प्रश्न यह उठता है कि यदि समय रहते दिल्ली सरकार कार्यवाही करती दिल्ली की 9 मासूम बच्चियों को बचाया जा सकता था। दिल्ली सरकार के गैर-जिम्मेदाराना रवैया को दिल्ली भाजपा इस पूरी घटना का कारण मानते हुये मुख्यमंत्री केजरीवाल को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुये दोषीयों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की मांग करती है।

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