खिलौना निर्माण में भी भारत होगा आत्मनिर्भर: डॉ. प्रेम कुमार

पटना:  डॉक्टर प्रेम कुमार ने कहा इंडिया टॉय फेयर 2021 में पीएम मोदी के अपील के बाद खिलौना निर्माण में भी भारत आत्मनिर्भर अवश्य होगा। अभी विश्व के बाजारों में 100 अरब डॉलर का व्यापार खिलौना का होता है , जिसमें भारत की भागीदारी 1% से भी कम है। वहीं भारत में बिकने वाले खिलौना का 85% आयात किया जाता है।

भारत में 7 लाख करोड़ का खिलौना बाजार है जिसमें 5,95,000 करोड़ रुपए का खिलौना हर वर्ष हम आयात करते हैं, अगर भारत में खिलौना बनने लगे तो लगभग छह लाख करोड़ रुपये बाहर नहीं जाएगा एवं देश के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। देश आत्मनिर्भर भी बनेगा ,साथ – साथ हम ऐसे खिलौनों का इजाद भी कर सकेंगे जिनके टूटने पर उसका पुनर्निर्माण, फिर से उपयोग हो या इसका दूसरे चीज में उपयोग किया जा सके।
इससे पर्यावरण एवं हमारे सेहत व बच्चों के सेहत पर विपरीत प्रभाव भी नहीं पड़ेगा । प्लास्टिक खिलौना पर्यावरण एवं मानव स्वास्थ्य दोनों के लिए खिलौना हानिकारक है। अतः पीएम के अपील को भारतीय उद्योग जगत एवं शिक्षित वेरोजगार इस ओर अवश्य ध्यान देंगे और स्वदेशी खिलौना का निर्माण कर भारत को आत्मनिर्भर बनाएंगे । कपड़े की खिलौने ,कास्ट के खिलौने, चीनी मिट्टी के खिलौने ,मोटे कागज गत्ते के खिलौने, एवं फसल अवशेष से खिलौने तैयार किए जा सकते हैं।

Facebook Comments