विधानसभा में विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है केजरीवाल सरकार

नई दिल्ली:  नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल को पत्र लिखकर सत्ता पक्ष पर उनके द्वारा विधानसभा में गौशालाओं पर अल्पकालिक चर्चाओं के लाइव प्रसारण के दौरान उनकी आवाज को बन्द कर नेता प्रतिपक्ष के विशेषाधिकारों का उलंघन करने का आरोप लगाया है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा कि आजादी के बाद यह पहली बार हुआ है जब विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश की गई है। इसलिए इस मामले की जांच की जाए और जो भी दोषी हो उसके ऊपर तुरंत कार्रवाई की जाए।
दरअसल विधानसभा में गौशालाओं पर अल्पकालिक चर्चा हो रही थी। जिसमें नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी केजरीवाल सरकार से कई सारे सवाल पूछ रहे थे तभी लाइव प्रसारण के दौरान उनकी आवाज को बंद कर दिया गया।

रामवीर सिंह बिधूड़ी ने यह भी पूछा कि दिल्ली सरकार ने येलो अलर्ट के तहत राजधानी में मेट्रो और बसों में यात्रा करने के लिए 50 फीसदी केपेसिटी की ही अनुमति दी है लेकिन हम जानना चाहते हैं कि जनता अपने कामकाज पर कैसे पहुंचे? मेट्रो स्टेशनों पर लंबी लाइनें लग रही हैं जिनमें सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का उल्लंघन हो रहा है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ढांचा इसलिए पूरी तरह चरमरा गया है कि आप सरकार ने एक भी बस नहीं खरीदी जबकि 11 हजार बसों की खरीद का वादा किया था।

श्री बिधूड़ी ने दिल्ली में गऊशालाओं की बुरी हालत के लिए भी केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय मदनलाल खुराना और स्वर्गीय साहिब सिंह वर्मा के कार्यकाल में दिल्ली में छह गऊशलाओं को सैंकड़ों एकड़ जमीन दी गई, ये गऊशालाएं दिल्ली में सुरहरा, रेवला खानपुर, घुम्मनहेड़ा, हरेवली, कंझावला में खोली गई थीं और उन्हें आर्थिक सहायता भी दी थी। उन्होंने पूछा कि आप सरकार बताए कि उसने दिल्ली में कितनी गऊशालाओं के लिए जमीन दी है जबकि उसके पास पंचायत की हजारों एकड़ जमीन है। आज तक न तो कोई गऊशाला खोली और न ही कोई आर्थिक सहायता दी जिसकी वजह से गायें सड़कों पर फिर रही हैं। दिल्ली में गऊशालाओं की खराब स्थिति के लिए दिल्ली सरकार ही जिम्मेदार है।

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